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चुनाव समाचार

त्रिस्तरीय व पंचायत चुनाव के आगोश में जलकर खाक हुई निर्वाचन आयोग की नोटिस

रायबरेली -चुनावी जनसभाओं में हालत जस की तस नजर आ रही हैं। त्रिस्तरीय व पंचायत चुनाव के आघोष में निर्वाचन आयोग के आदेशों की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही। जनसभाओं और रैलियों में दूरी मीटर से घटकर सेंटीमीटर पर आ गई है। यदि मास्क है भी तो वह नाक से उतरकर ठुड्डी पर या फिर जेब में आ गया है। कोरोना प्रोटोकॉल पर कहीं भी अमल देखने को नहीं मिल रहा है, कोविड-19 को मद्देनजर रखते हुए, चुनाव आयोग ने एहतियात बरतने के लिए कई प्रोटोकॉल सुनिश्चित किए थे किन्तु त्रिस्तरीय पंचायत प्रत्याशी हो चाहे ग्राम पंचायत प्रत्याशी सभी प्रोटोकॉल की धज्जियां उड़ाते दिख रहे हैं। वही उत्साहित समर्थकों की भीड़ के सामने तमाम एहतियात धरे के धरे रह गए, कोरोना जैसी खौफनाक बीमारी को भी ठेंगा दिखाते नजर आ रहे हैं। दिन प्रतिदिन बढ़ रहे कोरोना के मरीजों से एक बार फिर लॉकडाउन लगने के आसार नजर आ रहे हैं। फिर भी प्रत्याशियों व समर्थकों पर कोई असर नहीं पड़ता दिखाई दे रहा है। उनकी यह अनदेखी कितनी भारी पड़ सकती है यह तो आने वाला वक़्त ही बयां करेगा। 15 मार्च को होने वाले प्रथम चरण के चुनाव के लिए सभी प्रत्याशियों ने एड़ी चोटी का जोर लगा दिया है, चुनाव प्रत्याशी निर्वाचन आयोग की धज्जियां उड़ाते हुए रोजाना रैलियों के साथ जनसंपर्क कर रहे हैं।

मंदिर शिवालों से लेकर मतदाताओं की चरण वंदन करते नजर आ रहे प्रत्याशी

आपको बता दें कि चुनाव नजदीक आते ही चुनावी सरगर्मियां तेजी से बढ़ती हुई नजर आ रही है, सभी प्रत्याशियों ने अपने दांव पेंच लगाना शुरू कर दिया है, कही पैर छु कर,या फिर वही पुराने फार्मूलों से मतदाताओं को रिझाने का भरसक प्रयास कर रहे हैं। इस बार चुनावी सरगर्मियों की पूरी मौज मतदाताओं को मिल रही है, मतदाता भी चकड़ भाषा में हर प्रत्याशी को झूठा आश्वासन दे कर पल्ला झाड़ रहे है, वहीं लगभग सभी प्रत्याशियों की इस चालीस डिग्री तापमान पर जन संपर्क करते करते एड़ियां घिसती जा रही है। यह कहने में जरा भी आश्चर्य नहीं होगा की सुबह होते ही प्रत्याशी मंदिर शिवालों से लेकर गांव के मतदातओं के पैरो में औंधे मुंह पड़े मिल जाएंगे, चुनावी सरगर्मी तेज होते ही प्रातः से सायं काल तक गली नुक्कड़ों में व शहरी क्षेत्रों से लेकर ग्रामीण इलाकों में चुनावी चर्चाएं लोगों का समय पारित कर रही है, तो वहीं कुछ प्रत्याशियों का मखौल भी उड़ाया जाता है।

मुफ्त-ए-माल दिल-ए-बेरहम कहावत हो रही सार्थक

वही सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस चुनावी सरगर्मियों में शराब प्रेमी मतदाताओं को रिझाने के लिए प्रत्याशियों ने पूरा बंदोबस्त कर लिया है। चुनाव में अगर किसी के सितारे सातवें आसमान पर है तो शराबियों का नाम सबसे ऊपर दिखाई देगा। मतदान के सिर्फ चार दिन शेष है तो शाम ढलते ही जाम भी जमकर छलक रही है। वही प्रशासन की सख्ती के बावजूद भी शराब की खेप इधर-से उधर हो रही है। मुफ्त-ए-माल दिल-ए-बेरहम कहावत भी सार्थक पाई जा रही है। अभी हाल ही में लालगंज से सटे ग्राम कुम्हरौड़ा ग्राम सभा में शराब से लदी गाड़ी को ग्रामवासियों द्वारा रोकने का प्रयास किया गया किन्तु असफल रहे। वही जब इसकी शिकायत उच्चाधिकारियों से कि गई तो छापेमारी भी हुई लेकिन मौके पर कुछ भी बरामद ना हो सका। ग्रामीणों के कथन अनुसार प्रशासन के आने के पहले ही शराब की खेप को इधर से उधर कर दिया गया था।

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