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लिंचिंग की घटनाओं पर सजा-ए-मौत का होगा प्रावधान, सरकार विधानसभा में पेश करेगी एंटी-लिंचिंग बिल

रांची,नवसत्ता: झारखंड में भीड़ पर हमलों और लिंचिंग की घटनाओं को रोकने के लिए हेमंत सोरेन सरकार सजा-ए-मौत का प्रावधान करने जा रही है. बताया जा रहा है कि झारखंड विधानसभा अपने आगामी सत्र में एक एंटी-लिंचिंग बिल पेश कर सकती है, जिसमें कठोर से कठोर सजा देने का प्रावधान हो सकता है. सूत्रों की मानें तो लिंचिंग करने वालों के लिए मौत की सजा का भी प्रावधान होगा. एक अधिकारी ने बताया कि झारखंड (लिंचिंग रोकथाम) विधेयक, 2021 झारखंड विधानसभा के आगामी सत्र में 16 से 22 दिसंबर तक आने की संभावना है. इस सत्र के दौरान यह विधेयक पेश किया जाएगा.

बता दें कि झारखंड में मॉब लीचिंग एक बड़ी समस्या के रूप में उभरी है. रघुवर दास सरकार के दौरान मॉब लिंचिंग के खिलाफ मुखर रहे वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खुद की सरकार में भी इसे रोक नहीं पा रहे हैं. उनके शासनकाल में मॉब लिंचिंग की घटनाओं को लेकर विपक्ष लगातार निशाना साधते रही है और अब हेमंत सोरेन सरकार ने इसके खिलाफ कानून बनाने का फैसला किया है.

झारखंड में लगातार मॉब लींचिंग की घटनाएं घट रही हैं. साल 2021 के मार्च में ही तीन घटनाएं हुईं और सभी में पीटे जाने वाले लोगों की मौत हो गई. राज्य में हेमंत सोरेन सरकार आने के बाद से मॉब लिंचिंग के शिकार हुए लोगों में 11 आदिवासी, तीन मुसलमान और चार हिंदू हैं. ये सभी घटनाएं अप्रैल 2020 से मार्च 2021 के बीच हुई हैं. बता दें कि बीते 13 मार्च की रात को भीड़ ने मोटरसाइकिल चोरी के आरोप में पीट-पीट कर उनकी हत्या कर दी थी. मोबारक के दो बच्चे और पत्नी के अलावा भाई और मां हैं और पत्नी बीमार रहती हैं. उसी तरह रांची में सचिन वर्मा को ट्रक चोरी के आरोप में भीड़ ने 10 मार्च को उनकी भी हत्या कर दी थी.

पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने लगातार मॉब लीचिंग की घटनाओं के लिए सरकार पर निशाना साधते रहे हैं. रघुवर दास ने कहा, राज्य में लगभग हर माह मॉब लिंचिंग की एक घटना हो रही है, लेकिन सरकार के मुखिया दावा कर रहे हैं कि झारखंड में मॉब लिंचिंग बंद हो गई है. 2019 में तबरेज अंसारी की मौत को मानवता पर धब्बा बताने वाले राहुल गांधी और सोनिया गांधी आज मौन क्यों हैं. उनके समर्थन से चल रही झारखंड सरकार में आए दिन मॉब लिंचिंग, बलात्कार, हत्या, नक्सली घटनाएं हो रही हैं लेकिन कोई आंसू नहीं बहा रहा है. आखिर आपके आंसू भी आप लोगों की तरह इतने सेलेक्टिव क्यों हैं.

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