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मातृ शक्ति के सशक्तिकरण पर सदैव रहा है सनातन का जोर : मुख्यमंत्री

नारी गरिमा के अनुरूप सुरक्षा, सम्मान व स्वावलंबन की अनेक योजनाएं चला रहीं केंद्र व प्रदेश सरकारें

गोरखपुर, (नवसत्ता):-   मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समस्त प्रदेशवासियों को शारदीय नवरात्र की पावन महानवमी एवं विजयदशमी की बधाई देते हुए कहा कि शारदीय नवरात्र नारी गरिमा की प्रतिष्ठा का पर्व है। सनातन धर्म ने सदैव मातृ शक्ति के सम्मान, सुरक्षा और सशक्तिकरण पर जोर दिया है। सीएम योगी सोमवार को गोरखनाथ मंदिर में शारदीय नवरात्र की महानवमी तिथि में कन्या पूजन के बाद मीडियाकर्मियों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि नवरात्र में जगतजननी मां भगवती दुर्गा के 9 स्वरूपों के पूजन व अनुष्ठान का कार्यक्रम श्रद्धा उल्लास व उमंग से संपन्न होता है।

आज नवरात्र की नवमी तिथि पर मां सिद्धिदात्री के स्वरूप के पूजन के साथ कन्या पूजन का अनुष्ठान पूरे प्रदेश में संपन्न हो रहा है। वह सौभाग्यशाली है कि उन्हें भी कन्या पूजन का अनुष्ठान करने का अवसर प्राप्त हुआ है। कन्या पूजन का यह पर्व महिलाओं के सम्मान व सशक्तिकरण का पवित्र माध्यम है। इसी भावना के अनुरूप प्रदेश में मिशन शक्ति के कार्यक्रम प्रभावी ढंग से आगे बढ़ाए जा रहे हैं। केंद्र व प्रदेश की सरकारें नारी गरिमा के अनुरूप सुरक्षा, सम्मान व स्वावलंबन की अनेक योजनाएं चला रही हैं। इन योजनाओं के प्रति जनजागरण व प्रभावी क्रियान्वयन के लिए नवरात्र की नौ तिथियों में मिशन शक्ति के चतुर्थ चरण के अंतर्गत अनेक कार्यक्रम लागू किए गए।

धर्म, सत्य व न्याय के विजय का पर्व है विजयदशमी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कल मंगलवार को विजयदशमी का पावन पर्व है। विजयदशमी धर्म, सत्य और न्याय के विजय पर्व के साथ ही सनातन की पताका के विजय का पर्व है। यह इस बात का प्रतीक भी है कि हर काल, परिस्थिति में दुष्प्रवृत्तियों के खिलाफ सनातन धर्म ने चुनौती को स्वीकार किया और लोक कल्याण तथा मानवता का मार्ग प्रशस्त किया है। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की दुराचारी रावण पर विजय के महापर्व के रूप में भारत ही नहीं दुनिया भर के सनातन धर्मावलंबी विजयदशमी के पर्व के साथ उत्साह व उमंग से जुड़ते हैं। विजयदशमी को लेकर रामलीला व अन्य आयोजन भी हो रहे हैं। मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि शारदीय नवरात्र व विजयदशमी का पर्व सभी नागरिकों के जीवन में उत्साह, उमंग व खुशहाली का माध्यम बनेगा। जगतजननी मां भगवती का आशीर्वाद समाज की एकता व सशक्तिकरण के लिए प्रेरित करेगा। भगवान श्रीराम का विराट व्यक्तित्व सभी नागरिकों को सत्य, धर्म व न्याय के मार्ग पर चलने की निरंतर प्रेरणा देता रहेगा।

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