नई दिल्ली,नवसत्ता: संसद का मॉनसून सत्र बुधवार को तीसरे दिन भी हंगामे की भेंट चढ़ता दिखा। एक तरफ जहां विपक्ष ने लोकसभा और राज्यसभा में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया, वहीं राज्यसभा में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा के लिए 16 घंटे का समय तय किया गया है। बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में इसपर निर्णय लिया गया। पहले यह चर्चा केवल 9 घंटे प्रस्तावित थी।
🟠 ऑपरेशन सिंदूर पर मंगलवार से राज्यसभा में होगी चर्चा
राज्यसभा में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर अब विस्तृत चर्चा होगी। इसके लिए उच्च सदन में कुल 16 घंटे का समय तय किया गया है। पहले यह चर्चा 9 घंटे की होनी थी, लेकिन विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच सहमति के बाद इसे बढ़ाया गया। इस मुद्दे पर लोकसभा में भी 16 घंटे चर्चा का समय तय किया गया है।
🔵 लगातार तीसरे दिन संसद में विपक्ष का हंगामा
संसद के मॉनसून सत्र के तीसरे दिन भी विपक्ष का विरोध थमता नजर नहीं आया। बुधवार सुबह कार्यवाही शुरू होते ही दोनों सदनों में विपक्षी सांसदों ने हंगामा शुरू कर दिया। लोकसभा में विपक्षी सदस्य वेल में आकर नारेबाजी करते नजर आए, जबकि राज्यसभा की कार्यवाही केवल 2 मिनट में ही हंगामे के कारण दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दी गई।
⚫ संसद परिसर में बारिश के बीच प्रदर्शन
बारिश के बावजूद विपक्षी दलों का संसद परिसर में प्रदर्शन जारी रहा। महंगाई, बेरोजगारी, और राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विपक्ष का सरकार पर हमला जारी है।
🔴 उपराष्ट्रपति धनखड़ के इस्तीफे से सदन में हलचल
राज्यसभा में हंगामे के बीच एक और बड़ी चर्चा उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के 21 जुलाई को दिए गए इस्तीफे को लेकर है। उन्होंने अचानक पद छोड़ दिया, जिससे राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। इस समय उपसभापति हरिवंश राज्यसभा की कार्यवाही संभाल रहे हैं।
🟢 लोकसभा में दो महत्वपूर्ण बिल पेश
हंगामे के बीच केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने लोकसभा में दो अहम विधेयक पेश किए—
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नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेंस बिल 2025
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नेशनल एंटी डोपिंग (संशोधन) बिल 2025
विपक्ष के विरोध के बीच ये बिल सदन में चर्चा और पारित किए जाने के लिए पेश किए गए।
🟣 संसद की कार्यवाही पर अपडेट
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सुबह 11:23 बजे तक दोनों सदनों की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित
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दोपहर 12:02 बजे कार्यवाही फिर से शुरू
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दो मिनट के भीतर राज्यसभा की कार्यवाही दोबारा 2 बजे तक स्थगित
📌 निष्कर्ष:
मॉनसून सत्र का तीसरा दिन भी पूरी तरह हंगामे की भेंट चढ़ता दिखा, लेकिन ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर 16 घंटे की चर्चा का फैसला राजनीतिक रूप से बड़ा कदम माना जा रहा है। अब देखना होगा कि मंगलवार से शुरू होने वाली इस बहस में क्या नया सामने आता है।