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संसद में गतिरोध: रिजिजू ने विपक्ष पर बोला तीखा हमला, ‘एक मूर्ख’ के कारण देश को नुकसान नहीं उठाना चाहिए

संवाददाता 

नई दिल्ली,नवसत्ता : संसद का मॉनसून सत्र लगातार हंगामे की भेंट चढ़ रहा है, जिससे देश के लिए महत्वपूर्ण विधायी कार्य बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। इस गंभीर स्थिति के बीच, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्ष, खासकर कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए कहा है कि “एक व्यक्ति की मूर्खता और एक परिवार” के कारण पूरे देश को नुकसान नहीं उठाना चाहिए। यह बयान तब आया जब ‘इंडिया’ गठबंधन के नेतृत्व में विपक्ष, मतदाता सूची में कथित धांधली और विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के मुद्दे पर सदन के भीतर और बाहर लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहा है। सरकार का मानना है कि विपक्ष के इस रवैये ने संसद के बहुमूल्य समय को बर्बाद किया है और अब और अधिक देरी सहन नहीं की जा सकती।

किरेन रिजिजू ने स्पष्ट किया कि सरकार अब किसी भी कीमत पर संसद का समय बर्बाद नहीं होने देगी। उन्होंने घोषणा की कि सरकार अब हंगामे के बावजूद महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराएगी। इनमें राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक, 2025 और राष्ट्रीय डोपिंग रोधी संशोधन विधेयक, 2025 जैसे महत्वपूर्ण कानून शामिल हैं, जिन्हें लोकसभा और राज्यसभा दोनों में पारित कराने की तैयारी है। रिजिजू ने आरोप लगाया कि कई विपक्षी सांसदों ने उनसे व्यक्तिगत रूप से मिलकर यह स्वीकार किया है कि उनके नेता उन्हें जबरन हंगामा करने के लिए मजबूर करते हैं, जिससे यह साफ होता है कि यह विरोध प्रदर्शन किसी ठोस मुद्दे पर नहीं, बल्कि राजनीतिक दबाव का परिणाम है।

रिजिजू ने विपक्ष की आलोचना करते हुए कहा कि वे देश के लोकतांत्रिक संस्थानों, जैसे संसद और चुनाव आयोग, पर लगातार हमला कर रहे हैं। उन्होंने हाल ही में चुनाव आयोग द्वारा विपक्षी सांसदों को बुलाए जाने का हवाला देते हुए कहा कि विपक्षी दल इतने असमंजस में थे कि वे अपना एक नेता तक तय नहीं कर पाए जो आयोग के सामने अपनी बात रख सके। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष “किसी के इशारे पर” देश की संवैधानिक संस्थाओं की छवि को जानबूझकर खराब करने की कोशिश कर रहा है। रिजिजू ने विपक्ष पर संविधान का अनादर करने का भी आरोप लगाया, यह कहते हुए कि वे संविधान की किताब तो पकड़ते हैं, लेकिन उसके सिद्धांतों का पालन नहीं करते। उन्होंने कांग्रेस और उनके नेतृत्व पर तीखा कटाक्ष करते हुए कहा कि वे “कर्म से नहीं, पैदाइशी नेता हैं”, और खुद को देश का स्वाभाविक मालिक मानते हैं।

रिजिजू ने विपक्ष से अपील करते हुए कहा कि वे अपनी जिम्मेदारी को समझें और महत्त्वपूर्ण विधेयकों पर चर्चा में हिस्सा लें, ताकि देश का और समय बर्बाद न हो। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार ने इनकम टैक्स बिल पर चर्चा के लिए पर्याप्त समय दिया था, लेकिन विपक्ष ने इसमें भाग नहीं लिया। उन्होंने विपक्ष के इस गैर-जिम्मेदाराना रवैये पर अपनी गहरी नाराजगी जाहिर की और कहा कि उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में इतना गैर-जिम्मेदाराना विपक्ष कभी नहीं देखा। रिजिजू का यह बयान संसद में जारी गतिरोध के बीच सरकार की कड़ी और दृढ़ स्थिति को दर्शाता है।

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