संवाददाता
नई दिल्ली, नवसत्ता : संसद के मानसून सत्र में आज एक ऐतिहासिक और बेहद अहम बहस होने जा रही है। लोकसभा में सोमवार को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और पहलगाम आतंकी हमले पर 16 घंटे लंबी चर्चा तय की गई है। इस बहस के केंद्र में रहेगा भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा, सीमापार सैन्य कार्रवाई और आतंकवाद के खिलाफ सरकार की रणनीति।
22 अप्रैल के हमले ने झकझोर दिया था देश
22 अप्रैल, 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी। इस बर्बर हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। हमले के तुरंत बाद भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित आतंकी लॉन्च पैड्स पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम से जबरदस्त सैन्य कार्रवाई की, जिसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भारत की निर्णायक नीति के रूप में देखा गया।
लोकसभा में होगी देश की सैन्य नीति पर खुली चर्चा
लोकसभा की आज की कार्यसूची के मुताबिक, इस विशेष चर्चा में सरकार और विपक्ष दोनों पक्षों के सांसद हिस्सा लेंगे। वे ऑपरेशन सिंदूर की रणनीति, प्रभाव और भविष्य की दिशा पर अपने विचार रखेंगे। यह चर्चा भारत की सीमाओं की सुरक्षा, पड़ोसी देशों के साथ संबंधों और आतंकी नेटवर्क के खात्मे की नीति पर केंद्रित होगी।
किरेन रिजिजू ने दी जानकारी
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि लोकसभा में आज और राज्यसभा में कल यानी मंगलवार को इसी विषय पर 16-16 घंटे तक विस्तार से चर्चा की जाएगी। रिजिजू ने कहा,
“विपक्ष ने कई विषय उठाए हैं — जैसे बिहार में चल रहा SIR (विशेष गहन पुनरीक्षण) और कुछ अंतरराष्ट्रीय टिप्पणियां — लेकिन फिलहाल सरकार का मानना है कि राष्ट्रीय सुरक्षा सर्वोपरि है। इसलिए सबसे पहले ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा होगी।”
बार-बार बाधित हुआ था सत्र
मानसून सत्र की शुरुआत 21 जुलाई को हुई थी, लेकिन पहले सप्ताह में लगातार हंगामे और विपक्ष के विरोध के कारण कई बार कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। अब इस बहस को एक सकारात्मक शुरुआत के तौर पर देखा जा रहा है, जहां देश की सुरक्षा और सैन्य दृष्टिकोण पर सार्थक संवाद की उम्मीद की जा रही है।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर संसद में होने वाली यह लंबी बहस न केवल सरकार की सैन्य नीति की गहराई को दर्शाएगी, बल्कि आने वाले वर्षों में भारत की आतंकवाद विरोधी रणनीति का भी खाका तय कर सकती है।