संवाददाता
नई दिल्ली,नवसत्ता। कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि वह मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे पर संसद में चर्चा से बच रही है। पार्टी का कहना है कि सरकार बार-बार तकनीकी कारणों का हवाला देकर चर्चा से कतरा रही है, ताकि ‘वोट चोरी’ को छिपाया जा सके।
गोगोई बोले – सरकार बना रही बहाने
लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा, “सरकार ने अब तक यह स्पष्ट नहीं किया कि SIR पर चर्चा होगी या नहीं। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के बाद भी स्थिति साफ नहीं है।” उन्होंने कहा कि विपक्ष ने पहले ही सप्ताह की शुरुआत में पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की मांग की थी, लेकिन प्रधानमंत्री के विदेश दौरे को देखते हुए यह माना गया कि इन मुद्दों पर अगले सप्ताह ही चर्चा संभव हो पाएगी।
“अगर मंशा हो तो चर्चा हो सकती है”
गोगोई ने सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करते हुए कहा, “तकनीकी कारणों का बहाना बनाकर सरकार चुनावी प्रक्रिया से जुड़ी बहस को टाल रही है। अगर सरकार की नीयत साफ है, तो सदन में चर्चा हो सकती है। नियमों के अंतर्गत कई तरीके हैं जिनसे इस पर चर्चा हो सकती है।” उन्होंने तीखा आरोप लगाते हुए कहा, “लेकिन अगर ‘वोट चोरी’ करनी है और उसे छुपाना है, तो बहानेबाज़ी की जाएगी।”
विपक्ष की दो टूक – चर्चा से न भागे सरकार
कांग्रेस ने सरकार से यह भी मांग की कि वह SIR को लेकर देश की जनता के सामने स्थिति स्पष्ट करे और लोकतंत्र की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए इस मुद्दे पर खुलकर बहस कराए। गौरव गोगोई ने कहा, “जनता यह जानना चाहती है कि मतदाता सूची में क्या छेड़छाड़ हुई है और उसकी जवाबदेही कौन तय करेगा?”
निष्कर्ष
जहां एक ओर विपक्ष मतदाता सूची की पारदर्शिता और लोकतांत्रिक प्रक्रिया की रक्षा के लिए बहस की मांग कर रहा है, वहीं सरकार की ओर से अब तक चर्चा को लेकर स्थिति अस्पष्ट बनी हुई है। ऐसे में आने वाले सप्ताह में प्रधानमंत्री की वापसी के बाद संसद में इस मुद्दे पर सरकार का रुख और विपक्ष का रुख आमने-सामने आ सकता है।