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विश्व पृथ्वी दिवसः धरती बचाने की पुकार, छोटे कदमों से बड़ा बदलाव संभव

संवाददाता
नई दिल्ली/लखनऊ,नवसत्ता। हर साल आज के दिन मनाया जाने वाला विश्व पृथ्वी दिवस इस बार “पुर्नस्थापना के लिए निवेश” की थीम के साथ मनाया जा रहा है। देशभर में पर्यावरण प्रेमियों, छात्रों, सामाजिक संगठनों और सरकारी संस्थाओं ने विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए पृथ्वी के संरक्षण का संकल्प लिया।
राजधानी दिल्ली में जहां विश्वविद्यालयों और गैर-सरकारी संगठनों ने प्लास्टिक मुक्त अभियान, साइकिल रैलियां और जनजागरूकता सेमिनार आयोजित किए, वहीं लखनऊ में भी इस दिन को विशेष रूप से मनाया गया।
लखनऊ नगर निगम और उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के संयुक्त तत्वावधान में गोमती नदी किनारे स्वच्छता अभियान चलाया गया, जिसमें सैकड़ों स्कूली छात्र-छात्राएं और स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि शामिल हुए।
ग्रीन इंडिया मिशन के तहत 5,000 पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया, जिसमें लखनऊ विश्वविद्यालय और अन्य शिक्षण संस्थानों के छात्रों ने भाग लिया। वहीं गोमती नगर स्थित जनेश्वर मिश्र पार्क में आयोजित ईको वॉक में सैकड़ों नागरिकों ने भाग लेकर प्लास्टिक के खिलाफ जागरूकता फैलाई।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने इस अवसर पर राजभवन परिसर में नीम का पौधा लगाकर प्रदेशवासियों को पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। उन्होंने कहा, ष्धरती माता की रक्षा करना हम सबका दायित्व है। विकास और प्रकृति में संतुलन बनाए रखना ही सतत विकास की कुंजी है।
पर्यावरणविद् डॉ. संध्या मिश्रा ने संवाददाता से बातचीत में कहा, ष्लखनऊ जैसे शहरों में हर दिन बढ़ता तापमान, गिरता भूजल स्तर और वायु प्रदूषण चिंताजनक हैं। ऐसे में पृथ्वी दिवस केवल प्रतीकात्मक नहीं, एक जरूरी चेतावनी है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट कर कहा, पृथ्वी हमारा घर है। इसको बचाना, सहेजना और आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित रखना हमारी जिम्मेदारी है। चलिए, पृथ्वी दिवस पर हम सब मिलकर प्रकृति के साथ सामंजस्य बैठाने का संकल्प लें।

विशेषज्ञों का मानना है कि आम लोग अगर दैनिक जीवन में छोटे-छोटे बदलाव अपनाएं,जैसे प्लास्टिक का कम इस्तेमाल, सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा, घरों में ऊर्जा की बचत और जल संरक्षणकृतो पृथ्वी पर बड़ा असर डाला जा सकता है।

क्यों मनाया जाता है विश्व पृथ्वी दिवस ?
हर साल 22 अप्रैल को विश्व पृथ्वी दिवस मनाया जाता है, ताकि लोगों में पर्यावरण संरक्षण, जलवायु परिवर्तन और पृथ्वी के प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा के प्रति जागरूकता फैलाई जा सके।

पृथ्वी की रक्षा के लिए जागरूकताः
यह दिन हमें याद दिलाता है कि पृथ्वी पर जीवन संभव है, क्योंकि यहां की जलवायु, जल, वायु और जैव विविधता अनूठी है। लेकिन औद्योगीकरण, प्रदूषण और वनों की कटाई के कारण पर्यावरण पर संकट मंडरा रहा है।

जलवायु परिवर्तन के खिलाफ कार्रवाईः
पृथ्वी दिवस हमें पर्यावरणीय संकटों,जैसे ग्लोबल वार्मिंग, बर्फबारी में गिरावट, सूखा, बाढ़, और चरम मौसमी घटनाओं,के खिलाफ चेतावनी देता है।

जन भागीदारी को बढ़ावाः
इस दिन दुनियाभर में सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाएं, स्कूल, कॉलेज और आम नागरिक वृक्षारोपण, साफ-सफाई, रैली, वर्कशॉप और जागरूकता अभियान चलाते हैं।

भविष्य की पीढ़ियों के लिए संदेशः
पृथ्वी दिवस सिर्फ वर्तमान के लिए नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को एक सुरक्षित, स्वच्छ और हरित वातावरण देने का संकल्प भी है।

इतिहास
पहली बार पृथ्वी दिवस 1970 में अमेरिका में मनाया गया था।

इसकी शुरुआत सेनेटर गैलोर्ड नेल्सन ने की थी।

अब यह दिवस 193 से अधिक देशों में मनाया जाता है।

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