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ट्रंप को साधने की कूटनीतिक जंग: भारत ने चुना ‘दिमाग’, पाकिस्तान ने ‘बॉडीगार्ड’

अमेरिका में लॉबिंग की नई होड़: भारत ने ट्रंप के सलाहकार को, पाकिस्तान ने पूर्व बॉडीगार्ड को चुना अपना प्रतिनिधि

संवाददाता
वॉशिंगटन,नवसत्ताः
भारत और पाकिस्तान के बीच न केवल सरहद पर बल्कि कूटनीतिक मोर्चे पर भी टकराव तेज हो गया है। अब यह टकराव अमेरिका की सरजमीं पर भी पहुंच चुका है, जहां दोनों देशों ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को अपने पक्ष में करने के लिए लॉबिंग शुरू कर दी है।

भारत ने ट्रंप के पूर्व वरिष्ठ सलाहकार जेसन मिलर को लॉबिस्ट के तौर पर अनुबंधित किया है, जबकि पाकिस्तान ने ट्रंप के बेहद करीबी और पूर्व अंगरक्षक कीथ शिलर को अमेरिका में अपना प्रतिनिधि नियुक्त किया है। यह घटनाक्रम भारत द्वारा हाल ही में चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और कश्मीर के पहलगाम में 26 लोगों की आतंकवादी हत्या के बाद सामने आया है।

पाकिस्तान ने चुना ट्रंप का ‘बॉडीगार्ड’India hires Trump's brain for lobbying, Pakistan his ex-bodyguard - India Today

पाकिस्तान ने कीथ शिलर को अमेरिका में लॉबिंग के लिए नियुक्त किया है, जिन्होंने जेवलिन एडवाइजर्स के जरिये लॉबिंग रजिस्ट्रेशन कराया है। उनकी जिम्मेदारी अमेरिकी सरकारी और निजी संस्थाओं के साथ पाकिस्तान के दीर्घकालिक आर्थिक साझेदारी को मजबूत करना है। शिलर वही शख्स हैं जिन्होंने ट्रंप की राष्ट्रपति कार्यकाल में ओवल ऑफिस ऑपरेशंस के निदेशक के रूप में काम किया था और ट्रंप के सबसे भरोसेमंद सहयोगियों में माने जाते हैं।

भारत ने जोड़ा ट्रंप के ‘दिमाग’ से संपर्क

दूसरी ओर, भारत ने जेसन मिलर को $150,000 मासिक रिटेनर पर एक साल के लिए अनुबंधित किया है। मिलर ट्रंप के सलाहकार और रणनीतिकार रह चुके हैं और उन्हें ट्रंप की मानसिकता और सोच को अच्छी तरह समझने वाला व्यक्ति माना जाता है। भारत का मानना है कि ट्रंप को प्रभावित करने में मिलर की भूमिका निर्णायक हो सकती है।

ट्रंप की मध्यस्थता की पेशकश और भारत की प्रतिक्रिया

ट्रंप ने 10 मई को भारत-पाकिस्तान संघर्ष विराम की घोषणा में दिलचस्पी दिखाई थी और कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता की पेशकश की थी, जिसे भारत ने तुरंत ठुकरा दिया था। हालांकि पाकिस्तान ने इस प्रस्ताव में रुचि दिखाई थी।

निष्कर्ष

भारत और पाकिस्तान दोनों ही ट्रंप की संभावित वापसी को ध्यान में रखते हुए अमेरिका में अपने-अपने हित सुरक्षित करने की कोशिश कर रहे हैं। जहां भारत ने एक रणनीतिक दिमाग को चुना है, वहीं पाकिस्तान ने एक ताकतवर वफादार को अपना चेहरा बनाया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि ट्रंप का झुकाव किस ओर होता है – दिमाग की ओर या ताकत की ओर।

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