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एमसीसी ने बदले डेड बॉल, नॉन-स्ट्राइकर, मांकडिंग जैसे कई नियम

नई दिल्ली,नवसत्ता: क्रिकेट के नियम बनाने वाली संस्था मेरिलबोन क्रिकेट क्लब ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट काउंसिल को खेल में कुछ नए नियम का सुझाव दिया है. एमसीसी के सुझावों के तहत ही आईसीसी नियमों को लागू करती है. एमसीसी ने जो नए नियम बनाए हैं उसे 1 अक्टूबर से लागू किया जाएगा, यानी की ऑस्ट्रेलिया में इस वर्ष आयोजित होने वाले टी20 विश्व कप 2022 से पहले. इनमें कुछ ऐसे नियम हैं जो अक्टूबर, 2017 में बनाए गए थे, उनमें भी बदलाव किया गया है. एमसीसी ने जो नए नियम बनाए हैं, उनमें से कई इंग्लैंड के द हंड्रेड लीग में लागू हो चुका है.

लॉ 20.4.2.12 – डेड बॉल

क्रिकेट के लॉ के नए एडिशन में डेड बॉल लॉ में कई बदलाव देखे गए हैं, जिनमें से सबसे महत्वपूर्ण डेड बॉल को कॉल करना है. मैच के मैदान में किसी व्यक्ति, जानवर या अन्य वस्तु से किसी भी पक्ष को नुकसान होता है, तो यह डेड बॉल करार दी जाएगी. पिच आक्रमणकारी से लेकर मैदान पर दौडऩे वाले कुत्ते तक, कभी-कभी बाहरी हस्तक्षेप होता है – यदि ऐसा है, और खेल पर इसका भौतिक प्रभाव पड़ता है, तो अंपायर कॉल करेंगे और डेड बॉल का संकेत देंगे.

लॉ-18.11- नया बल्लेबाज लेगा स्ट्राइक

लॉ-18.11 में अब परिवर्तन किया गया है. यदि कोई बल्लेबाज कैच आउट हो जाता है तो नया बल्लेबाज अगली गेंद का सामना करने के लिए स्ट्राइक पर आएगा. जब तक की वह ओवर खत्म ना हो. भले ही इससे पहले बल्लेबाजों ने आउट होने से पहले अपने छोर बदल लिए हों. एमसीसी के सुझाव पर इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) ने पहली बाद द हंड्रेड लीग में ट्रायल किया था.

लॉ 38.3- मांकडिंग का नियम भी बदला

लॉ 41.16 (अनुचित खेल) से कानून 38 (रन आउट ) में शिफ्ट कर दिया गया है. इसमें नॉ स्ट्राइक छोर के बल्लेबाज को रन आउट करने का प्रावधान है. इसका मतलब साफ है कि यदि नॉन स्ट्राइक पर खड़ा बल्लेबाज गेंद फेंकने से पहले क्रीज से बाहर निकल जाता है तो गेंदबाज गिल्लियां बिखेरकर उसे आउट कर सकता है. इसे पहले खेल भावना के विपरीत माना जाता था. आईपीएल मैच में आर अश्विन ने राजस्थान रॉयल्स के बल्लेबाज जोस बटलर को इसी तरीके से आउट किया था, जिसको लेकर खूब हो हल्ला हुआ था. इसे मांकडिंग कहा जाता है.

लॉ 41. 3- गेंद पर थूक लगाने पर बैन

कोविड-19 के बाद फिर से जब क्रिकेट शुरू हुआ तो, उस समय खेलने की स्थिति को लेकर कई चीजें लिखी गई थीं. उस दौरान कहा गया था कि गेंदबाज अब गेंद पर लार का इस्तेमाल नहीं करेंगे. अब एमसीसी का मानना है कि इससे गेंदबाजों को मिलने वाली स्विंग पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ा है. कोरोनाकाल में गेंदबाज गेंद की चमक को बनाए रखने के लिए पसीने का इस्तेमाल कर रहे हैं. लेकिन एमसीसी ने अब गेंद पर लार लगाने पर बैन कर दिया है.

लॉ 22.1- वाइड जज करना

आधुनिक खेल में बल्लेबाज गेंदबाद के द्वारा गेंद को फेंकने से पहले कहीं अधिक क्रीज के चारों ओर मूव करते हैं. यह अनुचित महसूस किया गया था कि एक डिलीवरी को वाइड कहा जा सकता है यदि वह उस जगह से गुजरती है जहां बल्लेबाज खड़ा था, क्योंकि गेंदबाज ने अपनी डिलीवरी स्ट्राइड में प्रवेश किया था. इसलिए, लॉ 22.1 में संशोधन किया गया है ताकि एक वाइड लागू हो जहां बल्लेबाज खड़ा है, जहां स्ट्राइकर किसी भी बिंदु पर खड़ा है, जब से गेंदबाज ने रन अप शुरू किया है और जो एक सामान्य बल्लेबाजी पोजिशन में स्ट्राइकर के पास भी होता.

लॉ 27.4 एण्ड 28.6 – फील्डिंग साइड का अनफेयर मूवमेंट

अब तक फील्डिंग टीम का कोई भी सदस्य जो गलत तरीके से चलता था, उसे केवल डेड बॉल से दंडित किया जाता था और संभावित रूप से बल्लेबाज द्वारा पूरी तरह से अच्छे शॉट को कैंसिल कर दिया जाता था. यह देखते हुए कि ये काम अनुचित है और जानबूझकर किया गया है तो अब यह बल्लेबाजी टीम को 5 पेनल्टी रनों से सम्मानित करेगा.

एमसीसी के कानून प्रबंधक फ्रेजर स्टीवर्ट ने कहा, क्रिकेट के नियमों के 2017 कोड के प्रकाशन के बाद से, खेल कई मायनों में बदल गया है. 2019 में प्रकाशित उस कोड का दूसरा संस्करण, ज्यादातर स्पष्टीकरण और मामूली संशोधन था, लेकिन 2022 कोड कुछ बड़े बदलाव करता है, जिस तरह से हम क्रिकेट के बारे में बात करते हैं जिस तरह से इसे खेला जाता है.

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