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डीआरडीओ भारतीय नौसेना के लिए बनाएगा पनडुब्बी

नई दिल्ली, नवसत्ता : देश में पनडुब्बी निर्माण की क्षमता को बढ़ावा देने के लिए डिफेन्स मिनिस्ट्री ने लगभग 43,000 करोड़ रुपये की लागत से भारतीय नौसेना के लिए छह अत्याधुनिक पनडुब्बियों के निर्माण को मंजूरी दी है।
इनके निर्माण में 95 फीसदी मेड इन इंडिया उत्पादों का प्रयोग किया जाएगा। इसी तरह अन्य पनडुब्बियों का निर्माण भी भारत में किया जाएगा। रक्षा मामलों पर कैबिनेट कमिटी इसके लिए 50 हजार करोड़ के प्रस्ताव पर विचार कर रही है, जिनका निर्माण विशाखापत्तनम में डीआरडीओ द्वारा किया जाएगा। ये प्रोजेक्ट अरिहंत क्लास की परमाणु क्षमता से लैस 6 पनडुब्बियों के निर्माण से अलग होगा। अरिहंत क्लास की पनडुब्बियों के पास बैलिस्टिक मिसाइल लॉन्च करने की क्षमता भी होगी।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, परमाणु क्षमता से लैस पनडुब्बी प्रोजेक्ट से स्वदेशी तकनीक क्षमता को बढ़ावा मिलेगा, क्योंकि ये पनडुब्बियां 95 फीसदी भारत निर्मित होंगी। इससे डिफेंस सेक्टर को भी काफी फायदा मिलेगा, चाहे वह प्राइवेट हो या सरकारी। उन्होंने कहा कि परमाणु क्षमता से लैस पनडुब्बियों के निर्माण को डेडलाइन पर पूरा कर लिया जाएगा और अगर किसी तरह की समस्या आती है, तो इसमें भारत अपने रणनीतिक सहयोगी की मदद लेगा। सूत्रों ने कहा कि इस प्रोजेक्ट से अर्थव्यवस्था को काफी फायदा होगा, क्योंकि डिफेंस सेक्टर में काफी नौकरियां पैदा होंगी।
हाल ही में भारतीय नौसेना के लिए छह अत्याधुनिक पनडुब्बियों के निर्माण की परियोजना को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा अधिग्रहण परिषद ने अनुमति दी है। साथ ही निर्माण के वास्ते प्रस्ताव का अनुरोध (रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल) शीघ्र जारी किया जाएगा। मंत्रालय ने लगभग 43,000 करोड़ रुपये की लागत से भारतीय नौसेना के लिए छह अत्याधुनिक पनडुब्बियों के निर्माण को मंजूरी दी है।

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