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लॉकडाउन से आज़ादी मिलते ही लापरवाह होने लगे लोग,रायबरेली में आम हैं सड़कों पर लापरवाही के नज़ारे

गरिमा

 

रायबरेली,नवसत्ता : छह सौ से कम ऐक्टिव केस वाले ज़िलों में रायबरेली भी शामिल है।राज्य सरकार के निर्देश पर एक जून से यहां भी लॉकडाउन में रियायत दी गई। इस रियायत से जहां आम लोगों से लेकर व्यापारियों तक ने राहत महसूस की वहीं सड़कों पर लापरवाही के नजारे आम हैं। पिछले दिनों महामारी के चलते मौतों का सिलसिला देख कर दहशत में रहा आम व्यक्ति लॉकडाउन में छूट मिलते ही लापरवाहियां करने लगा है। सड़कों पर मास्क और शारीरिक दूरी फिर बेमानी नज़र आने लगी है।

आज़ादी अच्छी है, लेकिन आज़ादी की कीमत खुद की जान गंवाकर चुकानी पड़े तो ऐसी आज़ादी से बचना ही बेहतर है। लाॅकडाउन में मिली राहत का कुछ यही फ़साना है। लगभग एक महीने से घरों में कैद लोगों को 1 जून से लॉकडाउन में सशर्त छूट मिली है।

(जनता मस्त प्रशासन सुस्त – वीडियो देखने के लिए क्लिक करे)

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गौरतलब है कि पिछले दिनों कोरोना के बढ़ते प्रकोप के चलते उससे होने वाली मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा था। आये दिन लोग काल के गाल में समाते जा रहे थे। प्राण घातक संक्रमण के चौतरफा अनवरत फैलाव की श्रंखला तोड़ने और लोगों में व्याप्त असमय मौत के खौफ को थामने के लिए प्रदेश सरकार ने कोरोना कर्फ्यू बनाम लाॅकडाउन लगाने का निर्णय लिया था। पिछले एक महीने की बंदी के बाद 1 जून से लाॅकडाउन हटा दिया गया है।

नवसत्ता ने पिछले दो दिनों में रायबरेली जिले का लॉकडाउन हटने के बाद का जायजा लिया तो लोगों की लापरवाहियां साफ नजर आईं। शहरी क्षेत्र हो या ग्रामीण, हर तरफ भीड़ का सैलाब।सैलाब ऐसा मानो सदियों से बंद पक्षियों को उड़ने के लिए खुला आस्मां मिल गया हो।आम लोगों की भीड़ ऐसी है जैसे संक्रमण और उसके प्राणघाती प्रभाव का खतरा खत्म हो चुका है। लगभग 50-55 प्रतिशत लोग कोविड प्रोटोकाॅल का उल्लंघन करते नज़र आ रहे हैं। चाहे फिर वो पैदल चलने वाले हों या अपनी गाड़ियों से चलने वाले। खरीददारी करते वक्त या बाज़ारों में चलते समय मास्क पहनना और सोशल डिस्टेंसिंग जैसे नियमों का पालन कम ही किया जा रहा है। ज़्यादातर लोग सिर्फ दिखावे के लिए ही चेहरे को हल्का सा ढके हुए नज़र आते हैं। उधर प्रशासन भी सिर्फ एक दिन पहले तक ही लोगों से कोविड मानकों का पालन करवाते हुए सख़्ती से पेश आ रहा था,गाहे बगाहे चालान भी कर रहा था।इधर जैसे-जैसे लॉकडाउन में छूट दिए जाने के दिन बढ़ रहे हैं प्रशासन की सक्रियता घटती जा रही है।

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