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हमने कोरोना को ऐसे दी मात

गरिमा

 

लखनऊ नवसत्ता: कोरोना के संक्रमण होते ही एक अनजान सा भय व्याप्त हो जाता है कि आने वाले कल का सूरज हम देख पाएंगे या नहीं किन्तु जाको राखे साइयां, मार सके न कोय की कहावत उन सभी व्यक्तियों पर सटीक बैठती है जो इस महामारी की जंग को अपने जज्बे, संयम, धैर्य, अनुशाशन और पारिवारिक सहयोग से जीतते है| लगभग 14 दिनों का एक ऐसा समय पार करके आते है जहाँ अगले पल क्या होगा किसी को भी नहीं पता होता| हम ऐसे कुछ व्यक्तियों की कहानी उन्ही की जुबानी लेकर आये है, जो न सिर्फ अपने परिवार के लिए एक प्रेरणास्रोत बने बल्कि समाज के लिए भी एक मिसाल है|

अनुशाशन और परिवार के सहयोग से निजात मिली कोरोना संक्रमण से: अनामिका श्रीवास्तव

न्यू सेक्टर ई, अलीगंज, लखनऊ निवासी अनामिका श्रीवास्तव ने नवसत्ता को बताया कि कोविड वैक्सीन की पहली डोज़ लगवाने के लगभग एक महीने बाद 11 अप्रैल 2021 को अचानक मेरी पल्स बहुत तेज़ चलने लगी| ओक्सीमीटर में ऑक्सीजन लेवल सही था लेकिन पल्स रेट 130-135 थी| एक दो दिन आराम करने के बाद भी जब उलझन बढती जा रही थी तब मेरे पति ने घर के पास रहने वाले एक चिकित्सक की सलाह पर मुझे कोविड किट की सारी दवाइयां देना शुरू कर दिया| 17 अप्रैल को मै और मेरा 20 वर्षीय बेटा दोनों कोविड से संक्रमित पाए गए, जिसके बाद हमने घर पर ही आइसोलेट होने का निर्णय लिया और डॉक्टर द्वारा दी गई दवाइयां और सलाह का पूरा अनुपालन किया जिसके फलस्वरूप 2 हफ्ते के बाद हम दोनों माँ बेटे कोविड नेगेटिव हुए| नेगेटिव होने के बाद मुझे बहुत ज्यादा शारीरिक कमजोरी है और हम इस समय भी स्वेक्षा से आइसोलेशन में रह रहे है| नियमित योग, श्वसन क्रिया आदि से सामान्य जीवन में लौटने का पूरा प्रयास कर रही हूँ| अंत में मै यही कहूँगी कि मेरा जीवन वैक्सीनेशन की वजह से बचा है इसलिए आप सभी, अफवाहों पर ध्यान न दीजिये और वैक्सीन जरूर लगवाइए एवं चिकत्सीय परामर्श का कड़ाई से पालन करिए| यदि घर में कोई भी कोविड से संक्रमित हो तो उसे पारिवारिक सहयोग जरूर दीजिये जिससे कि मरीज मानसिक रूप से मजबूत रहे और जल्द ठीक होने का जज्बा बरक़रार रहे|
दोस्त और नवसत्ता जिला प्रभारी की त्वरित मदद से समय रहते मिली चिकित्सीय मदद, परिवार और मित्रो ने दिया पूर्ण सहयोग: अनुभव कनौजिया 

रायबरेली के निराला नगर निवासी अनुभव कनौजिया ने कोविड संक्रमण के दिनों को याद करते हुये बताया कि दिनांक 8-9 अप्रैल  2021 को अचानक तेज़ बुखार, खांसी एवं सांस फूलने की शिकायत हुयी जिसे पहले तो हमने नज़रअन्दाज़ किया, किन्तु 12 अप्रैल 2021को जब समस्या काफी बढ़ गयी तो मैंने अपने एक दोस्त रवि को अपनी बिगडती सेहत के बारे में बताया और मदद मांगी जिन्होंने नवसत्ता के जिला प्रभारी राय अभिषेक से संपर्क किया। राय अभिषेक ने अविलंब डीएम कंट्रोल रूम में संपर्क करके मेरी बिगड़ती तबियत के बारे में बताया, जिसके बाद कंट्रोल रूम ने मुझसे संपर्क किया और तुरंत कोविड टेस्ट कराने की सलाह दी। तो अगले दिन मैं अपनी माता जी जिन्हें खांसी की समस्या शुरू हुई थी, के साथ कोविड टेस्ट के लिये गया जहां हम दोनों ही कोविड पाॅज़िटिव पाये गये। इसके बाद हमें एल 2 अस्पताल में भर्ती होने की सलाह दी गयी किन्तु हमने घर पर ही रह कर कोविड प्रोटोकाॅल एवं चिकित्सकीय सलाह का कड़ाई से अनुपालन किया, जिसके परिणामस्वरूप 2 सप्ताह के बाद हमने कोरोना संक्रमण से लड़ाई जीत ली। आइसोलेशन के दौरान मेरे बड़े भाई, मेरे दोस्तों व शुभचिंतकों ने मुझे भावनात्मक रूप से बहुत सहयोग दिया। ईश्वर की अनुकम्पा से मुझे इस भयानक महामारी से निजात मिली। मैं अपने दोस्त रवि एवं नवसत्ता के जिला प्रभारी राय अभिषेक का बहुत आभारी हूं, जिनकी वजह से मुझे सही समय पर चिकित्सकीय मदद मिल सकी। मैं पूरे समय सकारात्मक रहा, न्यूज़ चैनल देखना बंद कर दिया था एवं दोस्तों के संपर्क में रहा, जो मेरा हौसला बढ़ाते रहे और इस महामारी से लड़ने में मदद करते रहे।
अच्छी सोंच,मजबूत इरादे और हिम्मत से होम आइसोलेशन में रहकर करोना को हराया : इंजिनियर हया फातिमा

सल्तनत मंजिल, हामिद रोड, निकट सिटी स्टेशन, लखनऊ की इंजिनियर हया फातिमा बिटिया नवाबजादा सैय्यद मासूम रज़ा, एडवोकेट एक मल्टीनेशनल कंपनी  में काम करती है और अपने परिवार से  मिलने अपने मुल्क लखनऊ,  भारत आई। अपने वालिद नवाबजादा सैय्यद मासूम रज़ा,  एडवोकेट के साथ करोना का टेस्ट कराया, दोनो की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इंजिनियर हया फातिमा   ने हिम्मत नहीं हारी और होम आइसोलेशन  में रहकर सुबह, शाम गरम पानी,गरारा और भाप लिया और काढ़ा का रोजाना सेवन किया। डॉक्टर से सलाह ली  और  कॉविड हेल्पलाइन  ने जरूरी दवा भी दी। आइसोलेशन के दौरान सरकार   द्वारा जारी सभी आवश्यक  नियमों का पालन भी किया। इंजिनियर हया फातिमा  को परिवार  ने बहुत हिम्मत दिलाइ,  करोना से डरी नहीं बल्कि पूरी बहादुरी से लड़ी। दोबारा टेस्ट कराने पर रिपोर्ट नेगेटिव आई जिसके लिए वोह  अल्लाह का बेहद शुक्रगुजार हूं।

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