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भाजपा सांसद संजय सेठ घिरे,पुत्र पर है विदेशी कालगर्ल बुलाने का आरोप

थाईलैंड से आयी युवती की कोराना से हुई मौत से मामले ने पकड़ा तूल

रिटायर्ड आईपीएस ने सांसद पुत्र के खिलाफ एफआईआर के लिए लिखा पत्र

लखनऊ,नवसत्ताः थाईलैंड से राजधानी लखनऊ में कॉल गर्ल बुलाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता आईपी सिंह ने आरोप लगाया है कि कॉल गर्ल को बुलाने वाला कोई और नहीं बल्कि सांसद संजय सेठ का बेटा है। रिटायर्ड आईपीएस ने सांसद पुत्र के खिलाफ एफआईआर के लिए पत्र लिखा है। उधर इस पूरे मामले में पुलिस की चुप्पी संदेह पैदा कर रही है। सपा ने पूरे मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग की है। इस बीच सांसद संजय सेठ ने भी पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर पूरे मामले की जांच और उनके परिवार को बदनाम करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

प्रदेश में एक तरफ कोरोना महामारी को लेकर हाहाकार मचा हुआ है वहीं दूसरी ओर थाइलैंड से एक युवति टूरिस्ट वीजा पर यहां आकर ठहरती है। उसे न कोराना गाइडलाइन के तहत कोरान्टाइन में रखा जाता है और न ही उसकी कोरोना की जांच होती है। मामला तब खुलता है जब उसकी कोराना के चलते मौत हो जाती है।

इस मामले में सोशल मीडिया पर सपा प्रवक्ता आईपी सिंह ने भाजपा के राज्यसभा सांसद संजय सेठ की फोटो पोस्ट करते हुए लिखा कि पुलिस ने भी इस मामले को दबा दिया। सिंह ने लिखा, ’जब पूरे देश मे लोग दवा और रोटी के लिए मर रहे हैं तब सांसद संजय सेठ के बेटे विदेशी कॉल गर्ल बुलाने पर लाखों रुपये लुटा रहे हैं।’ उन्होंने इस मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग की है। उधर, सांसद संजय सेठ ने ये सारे आरोप फर्जी बताया है। उन्होंने कहा कि उन्होंने इस मामले में पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर जांच कराने की मांग की है। इसकी सच्चाई बाहर आनी चाहिए।

वहीं दूसरी ओर, रिटायर्ड अमिताभ ठाकुर ने इस मामले में एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। उन्होंने भी पुलिस कमिश्नर को इसके लिए पत्र भी लिखा है।

 


जल्दबाजी में अंतिम संस्कार करने पर सवाल खड़े हुए
थाईलैंड से आई कॉल गर्ल 28 अप्रैल को संक्रमित मिली थी। इसके बाद किसी ने थाईलैंड एंबेसी से संपर्क करके उसे लोहिया अस्पताल में भर्ती करा दिया था, जहां 3 मई को उसकी मौत हो गई थी। पुलिस ने लड़की के परिजनों से संपर्क करने के बाद शनिवार को उसका अंतिम संस्कार कर दिया। अब इस पर भी सवाल खड़े हो रहे कि पुलिस ने इस मामले को दबाने के लिए लड़की का जल्दबाजी में अंतिम संस्कार कर दिया।

अंतिम संस्कार करवाने वाले विभूतिखंड इंस्पेक्टर चंद्रशेखर का कहना है कि युवती की मौत लोहिया अस्पताल में हुई जो उनके कार्यक्षेत्र में आता है। इसलिए उन्हें उसका अंतिम संस्कार करवाना पड़ा। इस मामले में उन्हें और किसी तरह की जानकारी नही है।

7 लाख रुपए खर्च करके बुलाया था
कॉल गर्ल को बुलाने पर 7 लाख रुपए खर्च किए गए थे। शुरूआती जांच में पता चला था कि कॉल गर्ल राजस्थान के रहने वाले एक ट्रैवेल एजेंट के संपर्क में थी। उसी ने इसे लखनऊ भेजा था।

कौन हैं संजय सेठ
पेशे से बिल्डिर संजय सेठ को विवादों से पुराना नाता रहा है। शालीमार बिल्डर नाम से कंपनी चलाने वाले संजय सेठ काफी रसूखदार माने जाते हैं। पूर्ववर्ती सपा सरकार के समय उनके कई प्रोजेक्ट सरकार की मेहरबानी से चल रहे थे। पार्टी ने उन्हें कोषाध्यक्ष भी बना रखा था। उन्होंने सपा के पार्टी फण्ड को काफी भरा भी। यूपी में सरकार बदलने के बाद जब संजय सेठ के प्रोजेक्टों की जांच शुरू हुई तो वे पार्टी बदलकर भाजपा में शामिल हो गये। भाजपा पर उनका रंग ऐस चढ़ा कि उन्हें पार्टी ने राज्यसभा सांसद बनवा दिया। ऐसे में इस हाई प्रोफाइल मामले में पुलिस की चुप्पी का सहज अंदाजा लगाया जा सकता है।

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