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राहुल गांधी की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ कल से शुरू, चुनाव आयोग भी करेगा प्रेस कॉन्फ्रेंस

संवाददाता
सासाराम,नई दिल्ली,नवसत्ताः लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी रविवार, 17 अगस्त से बिहार के सासाराम से ‘वोटर अधिकार यात्रा’ शुरू करने जा रहे हैं। यह 1300 किलोमीटर लंबी, 16-दिवसीय यात्रा कथित ‘वोट चोरी’ के खिलाफ एक जनांदोलन के रूप में देखी जा रही है। इस यात्रा में बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और इंडिया गठबंधन के कई प्रमुख नेता शामिल होंगे। दूसरी ओर, चुनाव आयोग ने राहुल के आरोपों के जवाब में रविवार को ही प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई है, जिससे बिहार में सियासी सरगर्मी और बढ़ गई है।

‘वोटर अधिकार यात्रा’ का मकसद

कांग्रेस ने इस यात्रा को लोकतंत्र, संविधान और ‘एक व्यक्ति, एक वोट’ के सिद्धांत की रक्षा के लिए एक ऐतिहासिक कदम बताया है। राहुल गांधी ने इसे “वोट चोरी के खिलाफ निर्णायक संग्राम” करार देते हुए कहा कि यह सिर्फ एक राजनीतिक अभियान नहीं, बल्कि हर नागरिक के मताधिकार को सुनिश्चित करने की लड़ाई है। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग सत्तारूढ़ बीजेपी के दबाव में मतदाता सूची में हेरफेर कर रहा है, खासकर दलित, वंचित, और अल्पसंख्यक समुदायों के मतदाताओं के नाम हटाए जा रहे हैं। पार्टी के आधिकारिक एक्स हैंडल पर लिखा गया, “वोट चोरवन के सबक सिखावे के बा, सरकार से हटावे के बा।” इस यात्रा में कांग्रेस के शीर्ष नेता, जिसमें मल्लिकार्जुन खड़गे, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार शामिल होंगे।

कांग्रेस के मीडिया प्रमुख पवन खेड़ा ने सासाराम में कहा, “आजाद भारत में आजादी से सांस लेना इसलिए संभव है, क्योंकि हमारे पास वोट की ताकत है। यह यात्रा उस ताकत को बचाने का संघर्ष है।” उन्होंने दावा किया कि यह “वोट छीनने की साजिश” न केवल मताधिकार, बल्कि नागरिकों की पहचान पर हमला है। खेड़ा ने कहा, “निर्वाचन आयोग को बीजेपी की ‘डबल इंजन’ सरकार का हिस्सा बनने नहीं दिया जाएगा।”

यात्रा का रोडमैप

‘वोटर अधिकार यात्रा’ 17 अगस्त को सासाराम के बीआईडीए ग्राउंड से शुरू होगी और 1 सितंबर को पटना के गांधी मैदान में एक विशाल रैली के साथ समाप्त होगी। यह यात्रा औरंगाबाद, गया, नवादा, नालंदा, शेखपुरा, लखीसराय, मुंगेर, भागलपुर, कटिहार, पूर्णिया, अररिया, सुपौल, मधुबनी, दरभंगा, सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, गोपालगंज, सिवान, छपरा, और आरा जैसे 23 जिलों से होकर गुजरेगी। यात्रा के दौरान राहुल गांधी और इंडिया गठबंधन के नेता जनसभाओं और रैलियों के माध्यम से मतदाता सूची में कथित अनियमितताओं, विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया, और ‘वोट चोरी’ के मुद्दे को उठाएंगे।

चुनाव आयोग का जवाब

राहुल गांधी के ‘वोट चोरी’ के आरोपों ने चुनाव आयोग को बैकफुट पर ला दिया है। आयोग ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर राहुल से अपने दावों को साबित करने के लिए हलफनामा दाखिल करने को कहा। आयोग ने कहा कि यदि राहुल अपने आरोपों को औपचारिक रूप से साबित नहीं करते, तो यह प्रतिनिधित्व जनता अधिनियम, 1950 की धारा 31 और भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 227 के तहत दंडनीय हो सकता है। चुनाव आयोग ने रविवार को 3 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई है, जिसमें वह इन आरोपों का जवाब देगा। आयोग का कहना है कि नवंबर 2024 में ड्राफ्ट मतदाता सूची और जनवरी 2025 में अंतिम सूची सभी राजनीतिक दलों को उपलब्ध कराई गई थी। आयोग ने राहुल के दावों को “भ्रामक” करार देते हुए कहा कि यदि उनके पास ठोस सबूत हैं, तो उन्हें औपचारिक शिकायत दर्ज करानी चाहिए थी।

इंडिया गठबंधन की रणनीति

इस यात्रा को इंडिया गठबंधन की एकजुटता का प्रदर्शन माना जा रहा है। तेजस्वी यादव, मल्लिकार्जुन खड़गे, और अन्य गठबंधन नेताओं की भागीदारी इसे और मजबूती देगी। कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राम ने कहा, “यह यात्रा उन लाखों मतदाताओं की मदद के लिए है, जिनके नाम कथित रूप से मतदाता सूची से हटाए गए, खासकर एससी और एसटी समुदायों के।” इंडिया गठबंधन ने सुप्रीम कोर्ट में भी एसआईआर प्रक्रिया के खिलाफ याचिका दायर की है, जिसकी सुनवाई 12 और 13 अगस्त को हुई थी। कोर्ट ने आयोग को आधार कार्ड, एपिक वोटर आईडी, और राशन कार्ड को वैध दस्तावेज मानने का निर्देश दिया, लेकिन आयोग ने इसे खारिज कर दिया।

बीजेपी का पलटवार

बीजेपी ने राहुल की यात्रा को “राजनीतिक नाटक” करार दिया है। बीजेपी सांसद रवि शंकर प्रसाद ने तंज कसते हुए कहा, “राहुल गांधी यात्राएं करते रहते हैं, आयोग को गाली देते हैं, और संविधान को शर्मिंदा करते हैं, लेकिन हर बार हार जाते हैं।” केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा, “सबको बोलने और भटकने का अधिकार है, लेकिन यह यात्रा सिर्फ भ्रम फैलाने की कोशिश है।”

‘वोट चोरी’ के आरोपों का आधार

राहुल गांधी ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि बिहार, कर्नाटक, और महाराष्ट्र में मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर हेरफेर हुआ। उन्होंने कर्नाटक के महादेवपुरा में 1,00,250 फर्जी मतदाताओं का हवाला दिया, जिसमें डुप्लिकेट नाम, अवैध पते, और फर्जी तस्वीरें शामिल थीं। बिहार में एसआईआर प्रक्रिया के तहत 1 अगस्त को जारी ड्राफ्ट मतदाता सूची में पटना, मधुबनी, और पूर्वी चंपारण में सबसे ज्यादा नाम हटाए गए, जिसे विपक्ष ने “वोट चोरी” करार दिया।

सियासी मायने

‘वोटर अधिकार यात्रा’ बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले इंडिया गठबंधन की रणनीति का हिस्सा है। सासाराम को शुरुआती बिंदु के रूप में चुनना रणनीतिक है, क्योंकि शाहाबाद क्षेत्र दलित, पिछड़े, और मुस्लिम मतदाताओं का गढ़ है, जहां महागठबंधन ने 2024 के लोकसभा चुनाव में चारों सीटें जीती थीं। यह यात्रा कांग्रेस और उसके सहयोगियों को बिहार में अपनी खोई जमीन वापस पाने का मौका दे सकती है।

राहुल गांधी की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ और चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस ने बिहार में सियासी तापमान को चरम पर पहुंचा दिया है। यह यात्रा जहां मतदाता अधिकारों और लोकतंत्र की पारदर्शिता का मुद्दा उठा रही है, वहीं बीजेपी इसे विपक्ष का “हथकंडा” बता रही है। रविवार को आयोग के जवाब से इस विवाद की दिशा और साफ होगी।

 

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