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मौलाना साजिद रशीदी की मुश्किलें बढ़ीं: डिंपल यादव पर अशोभनीय टिप्पणी के बाद संसद से सड़क तक विरोध

संवाददाता 

लखनऊ, नवसत्ता : समाजवादी पार्टी की सांसद और राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव के खिलाफ अशोभनीय टिप्पणी करने वाले मौलाना साजिद रशीदी की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। इस मामले ने संसद से लेकर सड़क तक सियासी पारा चढ़ा दिया है और मौलाना के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग जोर पकड़ रही है।

संसद में गूंजा विरोध:

सोमवार को संसद भवन में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के सांसदों ने मौलाना साजिद रशीदी के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। सांसदों ने महिलाओं के अपमान का मुद्दा उठाते हुए मौलाना की टिप्पणी को निंदनीय बताया और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। सत्ता पक्ष के सांसदों ने इस घटना को महिला सशक्तिकरण के खिलाफ एक बड़ा हमला करार दिया और स्पीकर से इस मामले में संज्ञान लेने का आग्रह किया।

लखनऊ में एफआईआर दर्ज:

संसद में विरोध के साथ-साथ लखनऊ में भी मौलाना साजिद रशीदी के खिलाफ प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज कर ली गई है। सूत्रों के अनुसार, यह एफआईआर महिला संगठनों और समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं की शिकायत के आधार पर दर्ज की गई है। एफआईआर में मौलाना पर महिलाओं के सम्मान को ठेस पहुंचाने और सार्वजनिक शांति भंग करने जैसे आरोप लगाए गए हैं। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है और जल्द ही मौलाना से पूछताछ की जा सकती है।

विपक्षी दलों की तीखी प्रतिक्रिया:

मौलाना साजिद रशीदी की टिप्पणी को लेकर विपक्षी दलों ने भी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। समाजवादी पार्टी ने इस टिप्पणी को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है और कहा है कि यह महिलाओं के प्रति मौलाना की संकीर्ण मानसिकता को दर्शाता है। अन्य विपक्षी दलों ने भी इस घटना की निंदा करते हुए मौलाना के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है।

सपा सांसद डिंपल यादव पर मौलाना रशीदी द्वारा की गई अभद्र टिप्पणी पर सपा सांसद इकरा हसन का बयान – एक महिला जनप्रतिनिधि, सबसे बड़ी पंचायत की सदस्य पर ऐसी टिप्पणी करना बेहद शर्मनाक बात है,ऐसे लोगों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए,इनका सामाजिक बहिष्कार होना चाहिए, ये कोई धर्मगुरु नहीं हैं, किसी धर्म के ठेकेदार नहीं हैं,इन्हें किसी भी महिला पर ऐसी टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है

इस मामले में पुलिस जांच जारी है और मौलाना साजिद रशीदी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। इस घटना ने एक बार फिर सार्वजनिक मंचों पर की जाने वाली टिप्पणियों की मर्यादा और महिलाओं के सम्मान के मुद्दे पर बहस छेड़ दी है। देखना होगा कि इस मामले में आगे क्या कार्रवाई होती है और यह मुद्दा राजनीतिक गलियारों में कितनी गर्माहट पैदा करता है।

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