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शिवराज पर बनी सहमति! संसद सत्र से पहले BJP में बड़ा संगठनात्मक बदलाव संभव

नई दिल्ली, नवसत्ता : भारतीय जनता पार्टी (BJP) को जल्द ही नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिल सकता है। संसद के मानसून सत्र से पहले ही इस अहम पद के लिए घोषणा की पूरी संभावना जताई जा रही है। सूत्रों की मानें तो बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के बीच अब लगभग सहमति बन चुकी है। हालांकि, इस पद के लिए पहले सुझाए गए तीन नामों को संघ ने किसी न किसी कारण से खारिज कर दिया था। अब जिस एक नाम पर सहमति बनी है, उसे लेकर इसी सप्ताह चुनाव की तारीख तय कर सार्वजनिक किया जा सकता है।


शिवराज सिंह चौहान सबसे मजबूत दावेदार

राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए जिन नामों की चर्चा सबसे अधिक है, उनमें मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान सबसे आगे माने जा रहे हैं। हालांकि संघ की ओर से उनके नाम पर कुछ आरक्षण जरूर रहा है, लेकिन बाकी दावेदारों के मुकाबले उन्हें ज्यादा भरोसेमंद माना जा रहा है। यही वजह है कि शिवराज के नाम पर बीजेपी और संघ के बीच समझौता संभव नजर आता है।


खट्टर और प्रधान का नाम भी चर्चा में

इस रेस में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर का नाम भी शामिल है। संघ से उनके पुराने जुड़ाव और प्रचारक पृष्ठभूमि के चलते उन्हें एक मजबूत विकल्प माना गया, लेकिन भाजपा नेतृत्व के प्रति उनका अधिक झुकाव उनकी दावेदारी को थोड़ा कमजोर करता है।

वहीं, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का नाम भी भाजपा के नेतृत्व की ओर से आगे बढ़ाया गया था, लेकिन संघ ने उनके नाम को इन-वेटिंग में डाल दिया है। ऐसे में फिलहाल शिवराज सिंह चौहान की दावेदारी सबसे प्रबल मानी जा रही है।


कब हो सकता है ऐलान?

पार्टी सूत्रों के मुताबिक, भाजपा के संविधान के अनुसार राज्य इकाइयों में अधिकांश प्रदेश अध्यक्षों की नियुक्तियां पूरी हो चुकी हैं। उत्तर प्रदेश और गुजरात जैसे प्रमुख राज्यों में भी नए अध्यक्ष जल्द नियुक्त किए जा सकते हैं। ऐसे में केंद्रीय नेतृत्व चाहता है कि संसद सत्र शुरू होने से पहले ही नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का ऐलान कर दिया जाए। अगर किसी कारणवश घोषणा में देरी होती है, तो संसद सत्र के दौरान भी यह घोषणा की जा सकती है।


निष्कर्ष:
BJP में संगठनात्मक बदलाव की यह कवायद इस बार बेहद अहम मानी जा रही है, खासकर 2029 की तैयारियों को लेकर। ऐसे में राष्ट्रीय अध्यक्ष की कुर्सी पर किसे बैठाया जाएगा, इस पर सबकी नजरें टिकी हैं। शिवराज सिंह चौहान का नाम सबसे आगे चल रहा है, लेकिन अंतिम फैसला अब पार्टी नेतृत्व और संघ की सहमति पर ही निर्भर करेगा।

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