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बालासोर आत्मदाह मामला: राहुल गांधी ने पिता से की बात, बोले – बेटी की चुप्पी को सिस्टम ने मार डाला”

राहुल गांधी का भावुक संदेश: “पिता की आवाज में बेटी का दर्द महसूस किया”

ओडिशा, नवसत्ता: ओडिशा के बालासोर में बीएड की छात्रा द्वारा आत्मदाह करने की दर्दनाक घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने पीड़िता के पिता से फोन पर बात की और उन्हें हर हाल में न्याय दिलाने का भरोसा दिया।
राहुल ने कहा, “मैंने एक पिता की आवाज में अपनी बेटी का दर्द, उसका संघर्ष और उसका अधूरा सपना महसूस किया। यह घटना सिर्फ एक अपराध नहीं, समाज के ज़ख्म की कहानी है।”
उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि कांग्रेस पार्टी पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है और पूरी ताकत से न्याय की लड़ाई लड़ेगी।


🔹 BJP सरकार पर राहुल का हमला: “यह आत्महत्या नहीं, सिस्टम की हत्या है”

राहुल गांधी ने ओडिशा की BJP सरकार पर सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा, “यह सिर्फ आत्महत्या नहीं, एक ऐसी व्यवस्था की हत्या है जो समय रहते न्याय नहीं दे सकी। पीड़िता ने शिक्षक पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।”
राहुल का आरोप है कि आरोपियों को बचाने की कोशिश होती रही और जब पीड़िता को कोई रास्ता नहीं दिखा, तो उसने खुद को आग लगा ली।

राहुल ने मणिपुर का जिक्र करते हुए कहा, “ओडिशा हो या मणिपुर, देश की बेटियां डर और दर्द में जी रही हैं। सरकार की चुप्पी अपराध के बराबर है। देश जवाब चाहता है, बहाने नहीं।”


🔹 विपक्ष का आरोप: “यह सिस्टम की विफलता है”

इस घटना को लेकर विपक्ष ने ओडिशा सरकार पर तीखा प्रहार किया है। कांग्रेस, बीजद और अन्य विपक्षी दलों ने इसे “प्रशासनिक असंवेदनशीलता और सिस्टम की असफलता” करार दिया है।
विपक्ष का कहना है कि यदि छात्रा की शिकायतों को समय रहते गंभीरता से लिया गया होता तो उसकी जान बचाई जा सकती थी।
पीड़िता के पिता ने सरकार से किसी आर्थिक सहायता की मांग नहीं की है, उनका एक ही कहना है – “मुझे सिर्फ अपनी बेटी के लिए इंसाफ चाहिए।”


🔹 पूरा मामला क्या है?

बालासोर के फकीर मोहन (स्वायत्त) कॉलेज की सेकेंड ईयर की बीएड छात्रा ने अपने एचओडी पर यौन शोषण का आरोप लगाया था। शिकायत के बावजूद उसकी बात को अनसुना किया गया। निराश और टूट चुकी छात्रा ने कॉलेज परिसर में खुद को आग लगा ली।
95% झुलस चुकी छात्रा को एम्स भुवनेश्वर में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान तीन दिन बाद उसकी मौत हो गई।

उसकी अंतिम यात्रा में हजारों लोग शामिल हुए और पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई।

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