Navsatta
मुख्य समाचार

ट्रंप का दावा: इजराइल के अचूक निशाने से खामेनेई को बचाया


नई दिल्ली,नवसत्ता: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इन दिनों अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में बने हुए हैं। ईरान और इजराइल के बीच हुए सीजफायर के बाद ट्रंप ने एक बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि उन्होंने ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को एक “बुरी और अपमानजनक मौत” से बचाया है। ट्रंप के अनुसार, इजराइल का निशाना अचूक था और वह जल्द ही खामेनेई को मार गिराने में सफल हो जाता।


 

“जान बच गई उसका शुक्रिया करें, परमाणु कार्यक्रम का सपना भूल जाएं”

ट्रंप ने आगे कहा कि खामेनेई को अपनी जान बचाने के लिए उनका शुक्रिया अदा करना चाहिए और परमाणु कार्यक्रम बनाने का सपना अपने दिमाग से निकाल देना चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि “अगर दोबारा परमाणु बनाने की कोशिश की तो इस बार पिछली बार से अधिक बड़ा हमला करेंगे।” ट्रंप ने दोनों देशों से शांति समझौते को स्वीकार करते हुए अपने विकास पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया, क्योंकि युद्ध विकास की रफ्तार को रोक देता है। उन्होंने ईरान को अन्य देशों के बहकावे में न आने की सलाह भी दी। ट्रंप ने यह भी स्पष्ट किया कि अगर ईरान अमेरिकी हमलों के बाद भी परमाणु हथियार-ग्रेड यूरेनियम को समृद्ध करने में सक्षम होता है, तो अमेरिका बिना किसी सवाल के फिर से ईरान पर बमबारी करेगा।

 

“खामेनेई को धन्यवाद देने की आवश्यकता नहीं”

डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि अमेरिकी खुफिया विभाग के पास खामेनेई के बारे में पूरी जानकारी है कि वह कहाँ और किसके पास शरण लिए हुए हैं। उन्होंने कहा, “मैं इजराइल और अमेरिका की सबसे शक्तिशाली सेनाओं के हाथों उसकी मौत नहीं होने दूंगा। मैंने खामेनेई को भयंकर और अपमानजनक मौत से बचाया है।” ट्रंप ने आगे कहा कि खामेनेई को उनका धन्यवाद करने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि वह परमाणु कार्यक्रम को आगे न बढ़ाएं, यही उनके लिए धन्यवाद होगा।

 

प्रतिबंधों पर चर्चा और ईरान का इनकार

ट्रंप ने कहा कि खामेनेई ने युद्ध करके बहुत गलत किया, जबकि अमेरिका ईरान पर लगे प्रतिबंधों को हटाने पर विचार कर रहा था, जो तेहरान की दीर्घकालिक मांगों में से एक है। ट्रंप ने ईरान को बातचीत के लिए एक मेज पर लौटने को प्रोत्साहित किया। उन्होंने दावा किया कि हाल के दिनों में वे ईरान के खिलाफ प्रतिबंधों को हटाने की संभावना पर काम कर रहे थे, लेकिन युद्ध के बाद उन्होंने “प्रतिबंधों में राहत और अन्य सभी काम तुरंत छोड़ दिए।” हालाँकि, ईरान के विदेश मंत्री ने ट्रंप के इस प्रस्ताव को नकार दिया और कहा कि ईरान अमेरिका के साथ परमाणु कार्यक्रम पर कोई वार्ता नहीं करना चाहता।


संबंधित पोस्ट

नीतीश एनडीए में शामिल होने का फैसला करें तो भी हम उनका समर्थन करेंगे: जीतन मांझी

navsatta

पर्यावरण दिवस पर जन्म और पर्यावरण से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सरोकार

navsatta

महामारी में असहयोग करने वाले निजी संस्थानों पर करें कार्रवाई : सीएम योगी

navsatta

Leave a Comment