Navsatta
मुख्य समाचार

इटावा कांड पर गरमाई UP की सियासत: अखिलेश ने ‘PDA’ को बताया ‘पीड़ा, दुख, अपमान’ का प्रतीक

लखनऊ, नवसत्ता: समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश में गैर-ब्राह्मण कथावाचकों पर हाल ही में हुए कथित हमले को लेकर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर जोरदार निशाना साधा है। उन्होंने शुक्रवार को कहा कि आज समूचा पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) समाज प्रत्येक पीड़ित के साथ अपनी आवाज बुलंद कर रहा है, और इस घटना को ‘पीडीए अपमान कांड’ करार दिया। यह बयान ऐसे समय आया है जब राज्य में जातीय समीकरणों को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हैं।


इटावा की घटना: जातीय अपमान के आरोप

यह गंभीर मामला इटावा जिले के दंदारपुर गांव से जुड़ा है, जहां 22-23 जून की रात को दो भागवत कथावाचकों- मुकुट मणि यादव और उनके सहयोगी संत सिंह यादव– को कथित तौर पर अपमानित किया गया। बताया जा रहा है कि “ऊंची जाति” के कुछ लोगों ने इन कथावाचकों के बाल मूंड दिए और उन्हें अपमानित किया, क्योंकि वे यादव समुदाय से संबंध रखते हैं। इस घटना ने ग्रामीण क्षेत्रों में जातीय तनाव को एक बार फिर सतह पर ला दिया है।


अखिलेश यादव का भाजपा पर सीधा वार: ‘अभारतीय और अमानवीय’ कृत्य

अखिलेश यादव ने अपने आधिकारिक ‘एक्स’ (पहले ट्विटर) अकाउंट पर इस घटना की निंदा करते हुए लिखा, “कुछ गिनती के प्रभुत्ववादी और वर्चस्ववादी लोगों ने तो उस कलाकार को भी नहीं छोड़ा जो अपनी थाप से दुनिया देखता है।” उन्होंने आगे कहा कि कथावाचकों की ढोलक छीनकर और उन पर झूठे आरोप लगाकर ऐसे “नकारात्मक लोगों ने अपने ही समाज की सहानुभूति खो दी है।” सपा प्रमुख ने ऐसे कृत्य करने वालों को “अभारतीय और अमानवीय” बताया, जो मानवीय मानकों पर पूरी तरह खारिज किए जाने योग्य हैं।

उन्होंने जोर देकर कहा, “आज संपूर्ण पीडीए समाज ‘इटावा कथावाचन पीडीए अपमान कांड’ के हर पीड़ित के साथ अपनी आवाज बुलंद कर रहा है।” यह बयान सपा की ‘पीडीए’ रणनीति का हिस्सा है, जिसके जरिए पार्टी पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यकों को एकजुट करने का प्रयास कर रही है।


 

पीडीए की नई और विस्तृत परिभाषा: ‘पीड़ा, दुख और अपमान’ का सामूहिक ऐलान

अपनी पारंपरिक पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) की परिभाषा को विस्तार देते हुए, अखिलेश यादव ने इसी पोस्ट में कहा कि पीडीए अब ‘पीड़ा, दुख और अपमान’ का त्रिदंश झेलने वाले परंपरागत रूप से उपेक्षित और उत्पीड़ित लोगों के बीच आई नई चेतना एवं एकजुटता का सामूहिक, सामाजिक, सामुदायिक ऐलान है। यह नई परिभाषा न केवल सामाजिक न्याय के उनके एजेंडे को मजबूत करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि पार्टी किस तरह से हाशिए पर पड़े वर्गों की भावनाओं को भुनाने का प्रयास कर रही है।


 

भाजपा पर ‘घुसपैठिया राजनीति’ और समाज बांटने का आरोप

सपा प्रमुख ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह अपने “सेट किए हुए ‘प्लांटेड लोगों'” के उपनाम का दुरुपयोग करके उत्तर प्रदेश के पड़ोसी राज्यों से लोगों को लाकर, प्रदेश में समाज को बांटने वाली ‘घुसपैठिया राजनीति’ कर रही है। उन्होंने दावा किया कि भाजपा का यह सच प्रदेश का बच्चा-बच्चा जानता है। अखिलेश यादव का यह बयान भाजपा पर समाज में फूट डालने और अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने का आरोप लगाता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा इस आरोप पर क्या प्रतिक्रिया देती है और क्या यह घटना आगामी चुनावों में एक महत्वपूर्ण मुद्दा बनेगी।


संबंधित पोस्ट

गुरुओं को शीश नवा अयोध्या पहुंचे योगी, रामलला और हनुमानगढ़ी के किये दर्शन

navsatta

शादी के पवित्र बंधन में बंधे जहीर इकबाल और सोनाक्षी सिन्हा

navsatta

कानून पढ़ाने की प्रक्रिया में क्षेत्रीय भाषाओं का भी ध्यान रखना चाहिएः चीफ जस्टिस

navsatta

Leave a Comment