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लखनऊ, नवसत्ताः भारतीय अंतरिक्ष अभियानों में एक नया मील का पत्थर स्थापित करते हुए, भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने पृथ्वी की कक्षा से अपना पहला संवाद स्थापित किया है। बुधवार को सफल प्रक्षेपण के बाद, शुभांशु शुक्ला ने नमस्कार के साथ न केवल अभिवादन किया, बल्कि अंतरिक्ष में अपने प्रारंभिक अनुभव को भी साझा किया, जिसे उन्होंने अवर्णनीय, अवास्तविक और बेहद रोमांचक बताया।
#WATCH | "Namaskar from space! I am thrilled to be here with my fellow astronauts. What a ride it was," says Indian astronaut Group Captain Subhanshu, who is piloting #AxiomMission4, as he gives details about his journey into space.
Carrying a soft toy Swan, he says, in Indian… pic.twitter.com/Z09Mkxhfdj
— ANI (@ANI) June 26, 2025
शुभांशु शुक्ला ने ड्रैगन अंतरिक्ष यान से बात करते हुए कहा, अंतरिक्ष में चहलकदमी करना और खाना-पीना, एक बच्चे की तरह सीख रहा हूं। यह उनके जीवन का सबसे खास और अद्वितीय अनुभव रहा, जैसा कि उन्होंने बुधवार को अपने सफल प्रक्षेपण के बाद पहली प्रतिक्रिया में बताया।
माँ की आँखों में आँसू, पिता के चेहरे पर मुस्कान
शुभांशु शुक्ला के अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की ओर बढ़ते एक्सिओम-4 अंतरिक्ष यान को बड़ी स्क्रीन पर देखते हुए उनकी माँ आशा शुक्ला की आँखों में आँसू थे और होंठों पर प्रार्थनाएं। उनके बगल में बैठे उनके पिता शंभू दयाल शुक्ला, जो खुद एक भारतीय वायु सेना के पायलट थे, उत्साह से मुस्कुरा रहे थे।
कुछ ही मिनटों बाद, जब स्पेसएक्स क्रू ड्रैगन अंतरिक्षयान फाल्कन 9 रॉकेट पर सवार होकर फ्लोरिडा स्थित नासा के कैनेडी अंतरिक्ष केंद्र के लॉन्च कॉम्प्लेक्स 39ए से उड़ान भर रहा था, तो आशा शुक्ला ने मुस्कुराते हुए मीडिया से कहा कि वह अपने बेटे के लिए शुभकामनाएं देती हैं। शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय हैं, और उनके इस मिशन को गगनयान मिशन के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
यह खबर भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि को दर्शाती है, और शुभांशु शुक्ला का अनुभव निश्चित रूप से भविष्य के भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों के लिए प्रेरणा बनेगा।