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नई दिल्ली,नवसत्ता,14 मई 2025। सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जवान पूर्णम कुमार शॉ की 21 दिन बाद भारत वापसी हो गई है। वह गलती से सीमा पार कर पाकिस्तान चले गए थे, जहां उन्हें पाकिस्तान रेंजर्स ने हिरासत में ले लिया था। लेकिन ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत की सख्त कार्रवाई और कूटनीतिक दबाव के चलते पाकिस्तान को उन्हें आखिरकार रिहा करना पड़ा।
कैसे हुआ घटना का पूरा घटनाक्रम
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला हुआ था। अगले ही दिन, 23 अप्रैल को, पश्चिम बंगाल के रहने वाले पूर्णम कुमार शॉ पंजाब के फिरोजपुर सेक्टर में भारत-पाक सीमा के पास खेतों की निगरानी कर रहे थे। तेज गर्मी के चलते जब वह थोड़ी देर के लिए एक पेड़ की छांव में खड़े हुए, तब अनजाने में सीमा पार कर पाकिस्तानी इलाके में पहुंच गए। पाकिस्तानी रेंजर्स ने उन्हें वहीं हिरासत में ले लिया और उनकी सर्विस राइफल भी जब्त कर ली।
पाकिस्तान की अड़ियल रवैये के बावजूद भारत ने रखा सख्त रुख
पूर्णम की वापसी के लिए भारत ने कई बार फ्लैग मीटिंग्स का आयोजन किया, लेकिन पाकिस्तान की ओर से कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं मिली। इसके बाद भारत ने राजनयिक माध्यमों से दबाव बनाना शुरू किया। BSF के पूर्व अधिकारियों का कहना है कि सीमा पार कर जाना कोई गंभीर अपराध नहीं होता और पहले भी ऐसी घटनाएं बातचीत से सुलझती रही हैं। लेकिन इस बार पहलगाम हमले के बाद भारत की सख्त कार्रवाई ने पाकिस्तान को बैकफुट पर ला दिया।
ऑपरेशन सिंदूर का असर
भारत द्वारा चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने पाकिस्तान पर भारी दबाव बनाया। भारत की निर्णायक कार्रवाई के बाद पाकिस्तान को अंततः BSF जवान को रिहा करना पड़ा। बुधवार सुबह 10:30 बजे अटारी-वाघा बॉर्डर पर पाक रेंजर्स ने पूर्णम कुमार शॉ को BSF को सौंप दिया। यह पूरी प्रक्रिया शांतिपूर्ण ढंग से और तय प्रोटोकॉल के अनुसार पूरी की गई।
परिवार की कोशिशें और रजनी की पहल
पूर्णम कुमार शॉ पश्चिम बंगाल के रिशरा के निवासी हैं। उनकी पत्नी रजनी ने पति की रिहाई के लिए हरसंभव प्रयास किए। उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की और चंडीगढ़ जाकर बीएसएफ अधिकारियों से भी संवाद किया। उनकी अथक कोशिशों ने भी इस पूरी प्रक्रिया को गति देने में अहम भूमिका निभाई।
अब जवान सकुशल स्वदेश लौट आए हैं और BSF की ओर से उनका स्वागत किया गया है। यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि भारत अपने हर जवान के पीछे खड़ा है — चाहे वह सरहद पर हो या सरहद के पार।