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ओमान में फंसा दाऊद पहुंचा अपने गांव, परिवारजनों में खुशी का माहौल

समाज सेवी अब्दुल हक ने दाऊद को अपने देश लाने का किया प्रयास

रमाकांत बरनवाल

सुलतानपुर (नवसत्ता ):- समाज में कुछ ऐसे व्यक्तित्व होते हैं जिनका ध्यान कुछ कर गुजरने का होता है उसी में से जनपद के कादीपुर कस्बा निवासी समाजसेवी अब्दुल हक भी एक हैं जिनके प्रयास से पचासों को विदेशों में फंसे क्षेत्रीय लोगों को भारत लाकर उनके परिवारजनों से मिलाया गया और परिवारजनों में खुशी का माहौल बना। दर्जनों ऐसे मामले दिखे जिसमें घर से चल सऊदी अरब जैसे देश में नौकरी करने गए पर वहां उन्हें नौकरी का झांसा से दे पैसे ऐंठने वाले बिचौलिए उन्हें बीच में ही छोड़ चले आए और कुछ दिनों में उन्हें न तो कोई नौकरी मिली और यहां तक कि उनके खाने के भी लाले पड़ गए और दूसरा पक्ष यह भी देखने को मिला कि उनकी वहां मौत हो गयी जिनके शव मंगाने की जुगत भी उक्त अब्दुल हक ने किया और उनको अपने देश लाने के साथ उनके परिवारजनों से मिलाया।में अब्दुल हकस्थान परचेहरे पर खुशी दिखा।

कादीपुर नगर पंचायत के तुलसी नगर मुहल्ले के निवासी समाजसेवी अब्दुल हक के सद्प्रयास से ही विदेश में फंसे एक भारतीय नागरिक को अपने वतन वापस लाया गया और यह मामला कोतवाली क्षेत्र के हमजापुर पठान गांव का है जहां सामान्य जीवन व्यतीत कर रहे इसी गांव के निवासी अबरार अहमद का बेटा दाउद खान अपनी व अपने परिवार की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ व समृद्ध करने की चाहत लिए एक वर्ष पहले 5 जुलाई 2022 को नौकरी व धन अर्जित करने के सिलसिले में ओमान पहुंच गया और दुर्भाग्य वश सामान्य जीवन जीने वाले दाउद को ओमान में भी तमाम जहालत जलालत झेलनी पड़ा।

दाउद ओमान में अपने मालिक से जब अकामा व तनख्वाह की बात कही तो मालिक उल्टा सीधी बातों में उलझाए रखा और दाउद का शोषण करने लगा। यह मामला ओमान की अदालत तक पहुंच गया और अदालत में दाउद व मालिक के बीच भारत वापस भेजने की बात पर समझौता भी हो गया फिर मालिक अपनी बातों से दूर हटता गया और अपने वायदे से भी पलट गया।
विदेश ओमान में परेशान दाउद किसी तरह अपनी बात भारत में रह रहे परिजनों को बताया और वहां की आप बीती भी सुनाया जिन्दगी संवारने गये दाउद की जिंदगी नर्क में तब्दील कर दी गयी थी जिस कहानी को सुनकर परिवारजनों के होश उड़ गए।

परिजन विदेशों में फंसे भारतीयों को देश वापसी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले कादीपुर के समाजसेवी अब्दुल हक से सम्पर्क कर अपनी व अपने बेटे की पीड़ा बताई तो समाजसेवी अब्दुल हक दाउद को वापस घर लाने की प्रक्रिया शुरू कर दिया। ओमान में रह रहे अपने दोस्त सुल्तानपुर निवासी तौफीक अहमद अन्सारी के सहयोग से दाउद खान को दिनांक बीते दिवस 11अक्तूबर को भारत वापस लाने में सफल हो गया जिससे अब्दुल हक के इस नेक कार्य की सराहना दाउद खान के परिजन करने के साथ साथ पूरे क्षेत्रवासी भी करते नजर आए। समाजसेवी अब्दुल हक ने बताया कि वे अबतक विदेश में फंसे लगभग 55 लोगों की वापसी कराने में सहयोग किया। यहीं पर बात समाप्त नहीं होती अब्दुल हक ने दर्जनों लावारिस लाशों के अन्तिम संस्कार कराने में भी अपना अद्भुत योगदान दिया जिससे उनकी सराहना क्षेत्रवासियों ने भी किया।

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