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डीआईओएस ने विद्यालय प्रबंधन को दी अंतिम नोटिस

प्रतापगढ़ (नवसत्ता ):- जिले का एक अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालय कालातीत प्रबंध समिति के सहारे पिछले सवा दो सालों से संचालित हो रहा है । दो माह पहले तक विभाग को इसकी भनक तक नहीं लगी । लेक़िन जब विद्यालय प्रबंधन को लेकर विवाद शुरू हुआ, तो सोसाइटी के आजीवन सदस्यों ने इस पूरे मामले को लेकर डीआईओएस सहित अन्य विभागीय उच्चाधिकारियों से शिकायत की । विभाग ने भी जब शिकायत को गम्भीरता से लेते हुए अपनी जाँच प्रक्रिया आगे बढ़ायी, तो पूरे मामले का खुलासा हुआ ।

बताते चलें कि सोसाइटी राजर्षि टण्डन इंटर कॉलेज रामनगर (अठगवां) प्रतापगढ़ एक रजिस्टर्ड संस्था है । जिसके अंतर्गत राजर्षि टण्डन इंटर कॉलेज रामनगर (अठगवां) विद्यालय संचालित है । यह विद्यालय राज्य सरकार द्वारा अनुदानित एक अशासकीय माध्यमिक विद्यालय है । जिसमें कार्यरत सभी शिक्षकों, कर्मचारियों के वेतन का भुगतान राजकोष से किया जाता है । संस्था की पंजीकृत नियमावली के अनुसार साधारण सभा, प्रबंध समिति का चुनाव करेगी । प्रबन्ध समिति का कार्यकाल 3 वर्ष का होगा । नियमावली के अनुसार प्रत्येक 3 वर्ष पर सोसाइटी व विद्यालय प्रबंध समिति का चुनाव साधारण सभा के सदस्यों द्वारा किया जाना अनिवार्य है । फिर भी सोसाइटी का चुनाव कभी नहीं हुआ ।

केवल विद्यालय प्रबंध समिति का ही चुनाव हमेशा होता रहा । विद्यालय प्रबंध समिति का पिछला व अंतिम चुनाव 25.05.2018 को डीआईओएस द्वारा नियुक्त पर्यवेक्षक की देखरेख में हुआ था । नियमावली के मुताबिक 25 मई 2021 को उक्त प्रबंध समिति का कार्यकाल समाप्त हो गया । जिसके बाद विद्यालय प्रबंध समिति का कोई चुनाव नहीं हुआ । विभाग की कृपादृष्टि के चलते कालातीत प्रबंध समिति के तथाकथित प्रबंधक पिछले 2 वर्ष से भी अधिक समय से, अवैधानिक व विधि विरुद्ध पदासीन रहकर वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकारों का पूर्णतया दुरुपयोग करते रहे । जबकि प्रबंध समिति 25 मई 2021 से ही कालातीत है ।

सोसाइटी राजर्षि टण्डन इंटर कॉलेज रामनगर (अठगवां) की साधारण सभा के आजीवन सदस्य डॉ. अनूप कुमार पाण्डेय, राम सहाय यादव, नागेश्वर प्रसाद शुक्ल व कृपा शंकर पाण्डेय ने जिला विद्यालय निरीक्षक समेत अन्य विभागीय उच्चाधिकारियों से उक्त कालातीत प्रबंध समिति के तथाकथित प्रबंधक के विरुद्ध शिकायत की, तो इस पूरे मामले का खुलासा हुआ । डीआईओएस ने जाँच प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए प्रबंधक को नोटिस जारी कर दी ।

लेकिन प्रबंधक हाजिर नहीं हुए । 2 बार नोटिस देने के बाद भी तथाकथित प्रबंधक गैरहाजिर ही रहे । लेकिन एक पत्र भेजकर उन्होंने ख़ुद को बीमार बताया और डॉक्टरी सलाह पर 10 दिन के लिए बेड रेस्ट पर होने का हवाला देते हुए, 15 दिन की मोहलत मांगी । उनकी मांग पर डीआईओएस ने उन्हें 15 दिन की मोहलत देते हुए तीसरी नोटिस 19 अगस्त को जारी की, और 2 सितम्बर के भीतर पक्ष रखने के लिए निर्देशित किया । डीआईओएस ने यह भी कहा है कि यदि निर्देशों का अनुपालन ना हुआ तो नियमानुसार विधिक कार्यवाही कर दी जाएगी ।

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