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अतीक-अशरफ हत्याकांड पर SC ने UP सरकार से मांगा जवाब…

नई दिल्ली, नवसत्ताः  उच्चतम न्यायालय ने प्रयागराज में हुए अतीक और अशरफ के हत्या से जुड़ी एक याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई की। सुनवाई दौरान उच्चतम न्यायालय ने यूपी सरकार से इस हत्या काड़ के मामले से जुड़ी पूछताछ की और डिटेल रिपोर्ट मांगते हुए पूछा कि उस दिन क्या हुआ था और अभी तक जांच कहां तक पहुंची हैं। इसी के साथ न्यायालय ने पूछा कि हत्यारों को यह जानकारी कैसे मिली कि अतीक-अशरफ को अस्पताल ले जाया जा रहा है और जिस गाड़ी में अतीक-अशरफ बैठे है उस गाड़ी को सीधे अस्पताल पुलिस क्यों नहीं गई? इसके साथ ही कोर्ट अगली सुनवाई की डेट में 24 फरवरी को हुए उमेश पाल मर्डर केस के आरोपियों की एनकाउंटर की रिपोर्ट भी मांगी है।

आपको बता दे कि अतीक-अशरफ की 15 अप्रैल की रात 10:35 बजे प्रयागराज के कॉल्विन अस्पताल में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। जिसके बाद आरोपी लवलेश तिवारी, सनी सिंह और अरुण मौर्या ने पुलिस को नाम कमाने और डॉन बनने की बात काबूली थी, और आज अतीक और अशरफ के मामले को लेकर उच्चतम न्यायालय ने यूपी सरकार को 3 हफ्ते का समय दिया हैं साथ ही कोर्ट ने वकील विशाल तिवारी की याचिका पर यह आदेश दिया है। कि विशाल ने इस हत्याकांड की हाई लेवल जांच के लिए के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में स्वतंत्र समिति गठित करने की मांग की थी।

साथ ही याचिका में योगी सरकार  में अभी तक हुए कुल 183 एनकाउंटर की जांच की मांग भी की थी। जिस पर UP सरकार ने याचिका दाखिल होने के बाद गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल की थी। जिस पर सरकार ने कहा- इस मामले पर बिना सरकार का पक्ष सुने कोई भी फैसला न दिया जाए। इसी दौरान पूर्व IPS अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने सोशल मीडिया पर एक ऑडियो के आलावा सुप्रीम कोर्ट में लेटर पिटीशन भी दाखिल की है। जिसमें ठाकुर ने अतीक-अशरफ की हत्या मामले की सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट की निगरानी में CBI जांच कराने की मांग की है। बता दे कि पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर ने लेटर पिटीशन में कहा है कि भले ही अतीक अहमद और उसका भाई अपराधी हों, मगर जिस तरह से उनकी हत्या हुई है, उससे इस घटना के राज्य पोषित होने की पर्याप्त संभावना दिखती है।

न्यायिक जांच आयोग और SIT के सदस्यों की मौजूदगी में 19 अप्रैल को क्राइम सीन को रिक्रिएट किया गया था। आयोग की टीम ने इससे पहले घटनास्थल का मुआयना किया था। आयोग ने पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा, ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर आकाश कुलहरि और ADG भानु भास्कर से घटना की जानकारी भी ली थी। साथ ही न्यायिक आयोग ने शूट आउट में घायल सिपाही मानसिंह और धूमनगंज थाना प्रभारी राजेश मौर्या से भी घटना के बारे में पूछताछ की गई थी।

वहीं अतीक-अशरफ केस में गाजियाबाद से BJP विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, “सपा ने ही अतीक को मरवाया है, ताकि राज न खुलें। अखिलेश के साथ अतीक के क्या संबंध हैं? जब चुनाव के बाद जांच होगी, तब पता चल जाएगा।” विधायक ने कहा, “सपा ने शाइस्ता परवीन के साथ मिलकर अतीक को मरवाया है। ऐसे राज थे कि पार्टी समाप्त हो जाती। लोग नफरत करने लगते। गुड्डू मुस्लिम कौन है? मुझसे पूछोगे? एजेंसी जांच कर रही है। वरना अभी सब बताता।”

जिस पर नंदकिशोर ने कहा, “हमने तो अतीक को उम्रकैद की सजा कर दी थी। हम कानून को मानने वाले हैं। पुलिस मारती तो हम समर्थन करते। लेकिन उसको मरवाया गया। जब इसका खुलासा होगा, तो कोई व्यक्ति वोट देगा इनको? ये सोच रहे हैं कि अतीक का मर्डर कराकर वोट ले लेंगे।”

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