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राष्ट्रीय युवा कांग्रेस अध्यक्ष के खिलाफ नोटिस हुआ जारी

बेंगलुरु, नवसत्ताः असम पुलिस की एक टीम रविवार को यौन उत्पीड़न मामले में राष्ट्रीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष बीवी श्रीनिवास के आवास पर पहुंची।

आपको बता दें कि असम युवा कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष अंगकिता दत्ता ने उनके खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। हालांकि श्रीनिवास ने आरोपों को खारिज कर दिया और अंगकिता को मानहानि का नोटिस भेजा। जिस पर असम सरकार ने कहा- कि मामले में कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी। जिसके बाद इस पृष्ठभूमि में, असम पुलिस की चार सदस्यीय टीम बेंगलुरु में श्रीनिवास के दरवाजे पर पहुंची।

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने यह भी कहा कि असम पुलिस कानून के अनुसार काम कर रही है क्योंकि वे वर्तमान में आईपीसी की धारा 354 के तहत आरोपी व्यक्ति के खिलाफ एक महिला कांग्रेस कार्यकर्ता की ओर से दायर मामले की जांच कर रहे हैं।

साथ ही उन्होंने एक ट्वीट में कहा- कि “कांग्रेस पार्टी के भीतर महिला कार्यकर्ताओं के लिए सुरक्षित माहौल की कमी के लिए मुझे दोष देना अनुचित है। कृपया आरोपी को कानूनी प्रक्रिया में सहयोग करने की सलाह दें।”

Srinivas BV of Congress to visit Ahmedabad on January 12 | Cities News,The Indian Express

सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार, असम पुलिस के एक अधिकारी ने कहा- कि वे कानून के मुताबिक श्रीनिवास को नोटिस जारी करने आए हैं। “चूंकि आरोपी घर में उपलब्ध नहीं था, इसलिए हमने उसके (श्रीनिवास) घर के दरवाजे पर नोटिस चिपका दिया है। उन्होंने कहा कि असम पुलिस उनके पैतृक शहर में उनके आवासीय पते पर नोटिस देने की भी व्यवस्था करेगी।

नोटिस के मुताबिक आरोपी को असम के दिसपुर थाने में 2 मई को सुबह 11 बजे असम पुलिस सेवा की अधिकारी मोइत्रयी डेका के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया गया है।
डेका ने कहा,“उपस्थित होने या इस नोटिस की शर्तों का पालन करने में विफलता आपको सीआरपीसी की धारा 41ए(3) और (4) के तहत गिरफ्तारी के लिए उत्तरदायी बना सकती है,” और नोटिस में श्रीनिवास को भविष्य में कोई अपराध नहीं करने और मामले में किसी भी तरह से सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करने का निर्देश दिया गया है। नोटिस में श्रीनिवास को यह भी निर्देश दिया गया है कि वे मामले के तथ्यों से परिचित किसी भी व्यक्ति को कोई धमकी, प्रलोभन या वादा न करें ताकि उसे अदालत या पुलिस अधिकारी को ऐसे तथ्यों का खुलासा करने से रोका जा सके।

श्रीनिवास को यह भी निर्देश दिया गया है कि जब भी आवश्यक हो अदालत में पेश हों और मामले की जांच में शामिल हों। वहीं दिसपुर पुलिस सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 दिनांक 20 अप्रैल, 2023 के प्रावधानों के तहत श्रीनिवास के खिलाफ जांच कर रही है।

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