नई दिल्ली,नवसत्ता: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को एससीओ के सदस्य देशों के शासनाध्यक्षों के 22वें सम्मेलन में शामिल हुए. शंघाई सहयोग संगठन की मीटिंग को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने सभी सदस्य देशों से अपील की कि वे एक-दूसरे को आगे बढ़ने के लिए रास्ता दें. उन्होंने कहा-एससीओ के सदस्य देश, वैश्विक गिनती में लगभग 30 प्रतिशत का योगदान देते हैं और विश्व की 40 प्रतिशत जनता भी एससीओ देशों में निवास करती है.
पीएम मोदी ने सम्मेलन के प्रमुख सत्र को संबोधित करते हुए खाद्य सुरक्षा के बारे में चर्चा की तथा टिकाऊ एवं भरोसेमंद आपूर्ति श्रृंखला बनाने की भी आवश्यकता दोहरायी और इसके लिए कनेक्टिविटी मजबूत करने एवं पारगमन का अधिकार देने पर भी बल दिया.
यूक्रेन संकट से पूरा विश्व खाद्य संकट का सामना कर रहा है
पीएम मोदी ने कहा कि आज जब पूरा विश्व महामारी के बाद आर्थिक रिकवरी की चुनौतियों का सामना कर रहा है, एससीओ की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है. एससीओ के सदस्य देश वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में लगभग 30 प्रतिशत का योगदान देते हैं, और विश्व की 40 प्रतिशत जनसंख्या भी एससीओ देशों में निवास करती है. उन्होंने कहा कि महामारी और यूक्रेन के संकट से ग्लोबल सप्लाई चेन्स में कई बाधाएं उत्पन्न हुईं, जिसके कारण पूरा विश्व अभूतपूर्व ऊर्जा एवं खाद्य संकट का सामना कर रहा है.
एससीओ को हमारे क्षेत्र में विश्वस्त, टिकाऊ और विविध आपूर्ति श्रृंखला विकसित करने के लिए प्रयत्न करने चाहिए. इसके लिए बेहतर कनेक्टिविटी की आवश्यकता तो होगी ही, साथ ही यह भी महत्वपूर्ण होगा कि हम सभी एक दूसरे को पारगमन का पूरा अधिकार दें.
भारत की अर्थव्यवस्था 7.5% की दर से बढ़ने की उम्मीद
प्रधानमंत्री नेे कहा, हम भारत को एक विनिर्माण केन्द्र बनाने पर प्रगति कर रहे हैं. भारत का युवा और प्रतिभाशाली कार्यबल हमें स्वाभाविक रूप से प्रतिस्पर्धी बनाता है. इस वर्ष भारत की अर्थव्यवस्था में 7.5 प्रतिशत वृद्धि की आशा है, जो विश्व की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक होगी. हमारे लोक केन्द्रित विकास मॉडल में टेक्नोलॉजी के उचित उपयोग पर भी बहुत फोकस दिया जा रहा है. हम प्रत्येक सेक्टर में नवान्वेषण का समर्थन कर रहे हैं. आज भारत में 70 हजार से अधिक स्टार्ट-अप्स हैं, जिनमें से सौ से अधिक यूनिकॉर्न है. हमारा यह अनुभव कई अन्य एससीओ सदस्यों के भी काम आ सकता है. इसी उदेश्य से हम स्टार्ट अप्स एवं नवान्वेषण पर एक नए विशेष कार्य समूह की स्थापना करके एससीओ के सदस्य देशों के साथ अपना अनुभव साझा करने के लिए तैयार हैं.
मोटे अनाज की खेती व उपभोग को बढ़ावा देना होगा
उन्होंने कहा कि विश्व आज एक और बड़ी चुनौती का सामना कर रहा है और यह है हमारे नागरिकों की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना. इस समस्या का एक संभावित समाधान है मिलेट्स यानी मोटे अनाज की खेती और उपभोग को बढ़ावा देना. मिलेट्स एक ऐसा सुपरफूड है, जो न सिर्फ एससीओ देशों में, बल्कि विश्व के कई भागों में हजारों सालों से उगाया जा रहा है, और खाद्य संकट से निपटने के लिए एक पारंपरिक, पोषक और कम लागत वाला विकल्प है. वर्ष 2023 को संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष के रूप में मनाया जाएगा. हमें एससीओ के अंतर्गत एक ‘मिलेट्स फूड फेस्टिवल’ के आयोजन पर विचार करना चाहिए.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एससीओ शिखर सम्मेलन के आयोजन एवं आतिथ्य के लिए उज़्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शौकत मिरजियोएव के प्रति आभार भी जताया. इस सम्मेलन में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और मध्य एशियाई देशों के अन्य नेता भी भाग ले रहे हैं. शिखर सम्मेलन के सीमित प्रारूप के दौरान विचार-विमर्श से पहले, समूह के स्थायी सदस्यों के नेताओं ने एक साथ तस्वीर खिंचवाई.
Posted By: Ruchi Mishra