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जस्टिस उदय उमेश ललित ने ली 49वें मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ

नई दिल्ली,नवसत्ता: जस्टिस उदय उमेश ललित ने आज भारत के 49वें मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ ली. उन्हें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में शपथ दिलाई. जस्टिस ललित इस पद पर 73 दिनों तक यानी 8 नवंबर, 2022 तक रहेंगे. सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एनवी रमणा के सेवानिवृत होने के बाद जस्टिस ललित भारत के नए प्रधान न्यायाधीश बने हैं.

आपको बता दें कि जस्टिस उदय उमेश ललित भारत के दूसरे ऐसे चीफ जस्टिस हैं, जो वकील से सीधे सुप्रीम कोर्ट के जज नियुक्त हुए हैं. उनसे पहले जस्टिस एसएम सिकरी वकील से सुप्रीम कोर्ट के जज बने थे.

जस्टिस ललित क्रिमिनल लॉ में एक्सपर्ट हैं. वह कई अहम मामलों की पैरवी कर चुके हैं. वो सुप्रीम कोर्ट की कानूनी सेवा समिति के सदस्य भी रहे हैं. जस्टिस उदय उमेश ललित उस समय सुर्खियों में आए थे जब उन्होंने 2019 में अयोध्या विवाद में सुनवाई करने वाली 5 बेंच के जजों से अपना नाम वापस ले लिया था. उन्होंने ये कहते हुए अपना नाम वापस लिया था कि उन्होंने अयोध्या विवाद में करीब 20 साल तक यूपी के पूर्व सीएम कल्याण सिंह के वकील थे. ऐसे में वो इस बेंच में सुनवाई नहीं कर सकेंगे.

इसके अलावा वे अभिनेता सलमान खान की तरफ से काला हिरण शिकार मामले पैरवी कर चुके हैं. भ्रष्टाचार मामले में पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, सोहराबुद्दीन शेख और तुलसीराम प्रजापति फर्जी एनकाउंटर मामले में देश के वर्तमान गृहमंत्री अमित शाह का पक्ष रख चुके हैं.

जस्टिस ललित का जन्म 9 नवंबर 1957 को महाराष्ट्र में हुआ था. वह जून 1983 से बार में शामिल हुए. उन्होने दिसंबर, 1985 तक बॉम्बे उच्च न्यायालय में प्रैक्टिस की, इसके बाद 1986 से सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस कर रहे हैं. उन्होंने 1986 से 1992 तक पूर्व अटॉर्नी-जनरल, सोली जे. सोराबजी के साथ काम किया. अप्रैल, 2004 में उन्हें सर्वोच्च न्यायालय द्वारा वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया था.

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