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पीएसी कांस्टेबलों के सशस्त्र पुलिस में स्थानांतरण पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लगाई रोक

प्रयागराज, नवसत्ता: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पीएसी में कांस्टेबलों को सशस्त्र पुलिस में स्थानांतरण पर रोक लगा दी है. साथ ही कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार से 30 मई तक जवाब मांगा है. एडवोकेट अग्निहोत्री कुमार त्रिपाठी ने कोर्ट को बताया कि अपर पुलिस अधीक्षक पीएसी हेड क्वार्टर लखनऊ ने सात मई 2022 को पीएसी कांस्टेबलों का सशस्त्र पुलिस में स्थानांतरण करने का आदेश जारी किया था. यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव जोशी ने सुनील कुमार चौहान और 186 अन्य कांस्टेबलों की याचिका पर अधिवक्ता अग्निहोत्री कुमार त्रिपाठी को सुनकर दिया है.

उसके बाद याचियों का स्थानांतरण पीएसी से विभिन्न जिलों व मंडलों में कर दिया गया. कहा गया कि पीएसी के जवानों का स्थानांतरण सिर्फ पीएसी में ही एक से दूसरी वाहिनी में किया जा सकता है वह भी प्रदेश सरकार के प्रादेशिक आम्र्ड कांस्टेबुलरी इस्टैब्लिशमेंट बोर्ड द्वारा हो सकता है लेकिन अपर पुलिस अधीक्षक के आदेश से स्पष्ट है कि सरकार ने ऐसा कोई बोर्ड गठित नहीं किया है.

दरअसल, उत्तर प्रदेश में पीएसी के आरक्षी जितेंद्र कुमार ने अपना प्रमोशन नागरिक पुलिस में मुख्य आरक्षी पद पर न होने पर हाई कोर्ट में 2019 में याचिका डाली. उसमें आरक्षी से मुख्य आरक्षी पद पर प्रमोशन पाए पीएसी संवर्ग के ही सुनील कुमार यादव, दिनेश कुमार चौहान और देव कुमार सिंह का उल्लेख किया गया. न्यायालय छह सप्ताह में याची के प्रत्यावेदन पर निर्णय के आदेश पुलिस मुख्यालय को दिए. उसके बाद पुलिस महानिदेशक ने चार सदस्यीय समिति बनाकर जांच कराई तो रिपोर्ट में सारा खेल उजागर हो गया.

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