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उन्नाव में पटाखा भंडार में भीषण विस्फोट, बुजुर्ग की मौत, 800 मीटर दूर जा गिरी ईंट से युवक घायल, बस्ती दहशत में

उन्नाव, नवसत्ता । जिले के मौरावां क्षेत्र में मंगलवार दोपहर एक पटाखा भंडार में भीषण विस्फोट हो गया, जिससे इलाके में अफरातफरी मच गई। यह धमाका इतना तेज़ था कि छप्पर के पास रखी पक्की ईंटें तक उड़कर 800 मीटर दूर जा गिरीं। इस हादसे में एक बुजुर्ग की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई, जबकि खेत में काम कर रहे एक युवक के सिर पर ईंट लगने से वह गंभीर रूप से घायल हो गया।

घटना मौरावां क्षेत्र के पारा गांव की है, जहां आतिशबाज नफीस ने गांव से लगभग 100 मीटर दूर खेत में बने एक छप्परनुमा कक्ष में बारूद और पटाखों का भंडारण कर रखा था। छप्पर के चारों ओर पक्की ईंटें जमा कर अस्थाई दीवारें बनाई गई थीं। गांव के ही 60 वर्षीय शिवचरण, जो आतिशबाज के पटाखा भंडार की रखवाली करते थे, उस वक्त वहीं बिस्तर लगी चारपाई पर लेटे हुए थे। दोपहर करीब 12 बजे अचानक तेज विस्फोट हुआ, जिससे शिवचरण की मौके पर ही मौत हो गई।

धमाका इतना भीषण था कि छप्पर के पास रखी ईंटें हवा में उछलकर खेतों में जा गिरीं। एक ईंट गांव के ही एक युवक के सिर पर जा लगी, जो खेत में खाद डाल रहा था। घायल युवक को स्थानीय लोगों की मदद से तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया। विस्फोट के प्रभाव का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वहां से 10 मीटर दूर खड़े नीम के पेड़ की 15 फीट ऊंची डाल तक ईंटें पहुंच गईं, जिससे डाल टूटकर गिर गई। पास की बस्ती में स्थित जनसेवा केंद्र के शीशे चटक गए, कई घरों की दीवारों में दरारें आ गईं और लोग दहशत में घरों से बाहर निकल आए।

घटना की सूचना मिलते ही मौरावां थाने के प्रभारी निरीक्षक कुंवर बहादुर सिंह मौके पर पहुंचे और जांच शुरू की। पुलिस ने आतिशबाज नफीस का लाइसेंस चेक किया, जिसमें 10 किलोग्राम बारूद के भंडारण और बिक्री की अनुमति दर्ज पाई गई। हालांकि विस्फोट की तीव्रता और घटनास्थल की स्थिति देखकर पुलिस को अंदेशा है कि भंडारण की मात्रा कहीं अधिक, संभवतः 50 किलोग्राम से ज़्यादा रही होगी।

फिलहाल पुलिस ने आतिशबाज से पूछताछ शुरू कर दी है और घटनास्थल को सील कर दिया गया है। फोरेंसिक टीम को भी बुलाया गया है जो विस्फोट के कारणों की तकनीकी जांच करेगी। वहीं, इलाके में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है और ग्रामीणों से शांति बनाए रखने की अपील की गई है।

यह हादसा न सिर्फ एक प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करता है, बल्कि पटाखा भंडारण की प्रक्रिया और सुरक्षा मानकों की अनदेखी को भी सामने लाता है। अब देखना होगा कि जांच के बाद दोषियों पर क्या कार्रवाई होती है। ग्रामीणों ने इस प्रकार के भंडारण पर सख्त रोक लगाने और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

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