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“पर्यावरण को बदलना है तो जीवनशैली में लाना होगा बदलाव”: दत्तात्रेय होसबोले

नई दिल्ली,नवसत्ता । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने कहा है कि अगर हम वास्तव में पर्यावरण में सकारात्मक परिवर्तन चाहते हैं, तो सबसे पहले मनुष्य को अपनी जीवनशैली में बदलाव लाना होगा। उन्होंने कहा कि सिर्फ संग्रहालयों में प्रदर्शनी देखकर या किताबें पढ़कर पर्यावरण का संरक्षण संभव नहीं है, बल्कि इसके लिए जीवन में व्यावहारिक परिवर्तन जरूरी है।


समिधा पुस्तक का विमोचन, आपटे को दी श्रद्धांजलि

दत्तात्रेय होसबोले, पूर्व राज्यसभा सांसद और भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रो. बलवंत परशुराम आपटे की पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। यह आयोजन NDMC कन्वेंशन सेंटर, नई दिल्ली में हुआ, जहां उन्होंने डॉ. राकेश मिश्रा द्वारा लिखित ‘समिधा’ पुस्तक का विमोचन भी किया।

कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव, भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री विनोद तावड़े, दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा, सांसद बांसुरी स्वराज, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता, राष्ट्रीय संगठक वी. सतीश, और प्रभात प्रकाशन के प्रभात कुमार समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।


बलवंत आपटे: विचारों और संगठन के पुरोधा

दत्तात्रेय होसबोले ने बलवंत आपटे को याद करते हुए कहा कि वे एक ऐसे विचारशील व्यक्ति थे जिन्होंने राजनीति के साथ वैचारिक संतुलन बनाए रखा। उन्होंने बताया कि आपटे कार्यकर्ताओं के साथ बराबरी का व्यवहार करते थे—“वे कार्यकर्ता के साथ कार्यकर्ता बन जाते थे।” उनका यह व्यवहार आज की राजनीति में एक आदर्श है।


“आलस्य, अहंकार और स्वार्थ भी हैं आंतरिक प्रदूषण”

होसबोले ने पर्यावरण संरक्षण के साथ मानवीय मूल्य और आत्मचिंतन को भी जोड़ते हुए कहा कि “आलस, अहंकार, नफरत और स्वार्थ जैसे आंतरिक प्रदूषण” को भी दूर करने की जरूरत है। जब तक व्यक्ति स्वयं को नहीं बदलेगा, तब तक बाहरी पर्यावरण को शुद्ध करना अधूरा प्रयास होगा।


भूपेंद्र यादव: “आपटे ने भाजपा को संवारा”

कार्यक्रम में केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने राकेश मिश्रा को उनकी पुस्तक के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक न केवल उनकी राजनीतिक दृष्टि, बल्कि उनके सामाजिक अनुभवों को भी उजागर करती है।

आपटे को याद करते हुए उन्होंने कहा, “उन्होंने भाजपा को गढ़ने और संगठित करने में एक अहम भूमिका निभाई थी। उनके साथ काम करना मेरे लिए सीखने का अनुभव रहा।”


140 करोड़ पेड़: एक पेड़ मां के नाम अभियान

कार्यक्रम में ‘मिशन लाइफ’ (LiFE – Lifestyle for Environment) अभियान की भी चर्चा हुई। भूपेंद्र यादव ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए “एक पेड़ मां के नाम” अभियान के तहत अब तक देशभर में 140 करोड़ से अधिक पेड़ लगाए जा चुके हैं

उन्होंने कहा कि हमें सिर्फ पेड़ लगाकर ही नहीं, बल्कि पानी बचाने, ऊर्जा और भोजन की बर्बादी रोकने, और प्लास्टिक के इस्तेमाल को खत्म करने जैसे कार्यों को प्राथमिकता देनी होगी।


निष्कर्ष

दत्तात्रेय होसबोले का यह संदेश स्पष्ट है— पर्यावरण सुधार कोई बाहरी परियोजना नहीं, बल्कि एक आंतरिक संकल्प है। जब तक मनुष्य स्वयं नहीं बदलेगा, तब तक पृथ्वी को बचाना मुश्किल होगा। और यही विचार ‘मिशन लाइफ’ का मूल आधार भी है—एक जिम्मेदार जीवनशैली अपनाकर धरती को संरक्षित करना।

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