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मृत व्यक्तियों के डेढ़ करोड़ आधार नंबर रद , बच्चों के लिए बायोमेट्रिक अपडेट अनिवार्य

नई दिल्ली, नवसत्ता : UIDAI ने हाल ही में देश के 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से 1.55 करोड़ लोगों की मृत्यु के आंकड़े जुटाए हैं। इन आंकड़ों की गहन जांच के बाद यह पाया गया कि इनमें से 1 करोड़ 17 लाख आधार नंबरों को अब सक्रिय रखने की कोई आवश्यकता नहीं है। इन सभी 12 अंकों वाले आधार नंबरों को पूरी तरह से निष्क्रिय कर दिया गया है। यह कदम मुख्य रूप से मृत व्यक्तियों के आधार कार्डों के संभावित गलत इस्तेमाल को रोकने के लिए उठाया गया है, क्योंकि ऐसी धोखाधड़ी के कई मामले सामने आए थे।

नागरिक पंजीकरण प्रणाली (CRS) के माध्यम से प्राप्त इन आंकड़ों के आधार पर, UIDAI ने यह सुनिश्चित किया है कि मृत व्यक्तियों की पहचान का दुरुपयोग न हो सके। इसके अलावा, जिन क्षेत्रों में CRS अभी पूरी तरह से सक्रिय नहीं है, वहां से भी लगभग 6.7 लाख मौतों की जानकारी UIDAI को मिली है, और इन आधार नंबरों को भी जल्द ही रद्द करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। यह स्पष्ट है कि UIDAI आधार कार्ड को सुरक्षित और भरोसेमंद बनाए रखने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है।

इसी क्रम में, UIDAI ने बच्चों के आधार कार्ड को लेकर भी एक महत्वपूर्ण चेतावनी जारी की है। अगर आपके बच्चे की उम्र 5 साल से ज़्यादा हो गई है और आपने अभी तक उसके आधार कार्ड में बायोमेट्रिक अपडेट (फिंगरप्रिंट और आँखों की स्कैनिंग) नहीं कराया है, तो अब सतर्क हो जाइए। 0 से 5 साल तक के बच्चों का आधार कार्ड, जिसे ‘ब्लू आधार’ या ‘बाल आधार’ कहा जाता है, बिना बायोमेट्रिक के बनता है।

लेकिन जैसे ही बच्चा 5 साल का होता है, उसका बायोमेट्रिक रिन्युअल अनिवार्य हो जाता है। 15 साल की उम्र पर भी एक बार फिर यह अपडेट कराना ज़रूरी है। UIDAI ने साफ किया है कि समय पर बायोमेट्रिक अपडेट न करवाने पर आधार नंबर निष्क्रिय हो सकता है, जिससे बच्चे को स्कूल एडमिशन, सरकारी योजनाओं और स्कॉलरशिप जैसी महत्वपूर्ण सुविधाओं में भारी परेशानी आ सकती है। इस अपडेट के लिए बच्चे का मौजूदा आधार कार्ड और माता-पिता में से किसी एक का आधार कार्ड ही मुख्य दस्तावेज़ हैं। यह प्रक्रिया किसी भी नज़दीकी आधार सेवा केंद्र पर निशुल्क कराई जा सकती है और इसके लिए ऑनलाइन अपॉइंटमेंट भी बुक किया जा सकता है।

ये दोनों ही कदम UIDAI द्वारा आधार प्रणाली की अखंडता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए हैं। एक ओर जहां मृत व्यक्तियों के आधार का दुरुपयोग रोका जा रहा है, वहीं दूसरी ओर बच्चों के लिए नियमित अपडेट को अनिवार्य कर पहचान की सटीकता बनाए रखी जा रही है। इन पहलों का उद्देश्य आधार को एक विश्वसनीय और सुरक्षित पहचान पत्र बनाए रखना है।

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