धरती पर सफल वापसी, भारत का गौरव बढ़ाया
नई दिल्ली,नवसत्ता: भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने 15 जुलाई 2025 को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से अपनी ऐतिहासिक वापसी की। स्पेसएक्स के ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट ‘ग्रेस’ ने उन्हें और उनके साथियों को लेकर कैलिफोर्निया के सैन डिएगो तट के पास प्रशांत महासागर में दोपहर 3:01 बजे (IST) सफलतापूर्वक स्प्लैशडाउन किया। यह भारत के अंतरिक्ष इतिहास में एक नए युग की शुरुआत है।
⏱️ 22.5 घंटे की वापसी यात्रा: बारीकी से योजना और निष्पादन
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14 जुलाई को शाम 4:45 बजे (IST) शुभांशु और टीम ने ISS से अनडॉक किया।
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22.5 घंटे की यात्रा के दौरान डिपार्चर बर्न, फेजिंग बर्न, पोजिशनिंग बर्न, और डी-ऑर्बिट बर्न जैसे चार अहम चरण पूरे किए गए।
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27,000 किमी/घंटा की रफ्तार से वायुमंडल में प्रवेश करते समय यान ने 1,600°C तक के तापमान को सहा।
🪂 पैराशूट सिस्टम से सुरक्षित लैंडिंग
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5.7 किमी की ऊंचाई पर स्टेबलाइज़ेशन पैराशूट, और 2 किमी पर मुख्य पैराशूट तैनात हुए।
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यह प्रक्रिया यान को धीरे-धीरे समुद्र में उतारने में सफल रही।
🚁 रिकवरी ऑपरेशन: वैज्ञानिक, सुरक्षित और तेज़
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स्प्लैशडाउन के बाद रिकवरी जहाज ने यान को क्रेन से उठाया।
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चालक दल को हेलिकॉप्टर से तट पर लाया गया और मेडिकल जांच कराई गई।
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अब सभी अंतरिक्ष यात्री 7 दिनों के पुनर्वास कार्यक्रम से गुजरेंगे।
🙏 परिवार की खुशी और गर्व
लखनऊ में शुभांशु के माता-पिता, आशा शुक्ला और शंभु दयाल शुक्ला, ने हनुमान मंदिर में बेटे की सुरक्षित वापसी की प्रार्थना की। उनकी मां ने भावुक होते हुए कहा,
“हमारे बेटे ने इतिहास रचा है, हमें उस पर गर्व है।”
📢 शुभांशु का संदेश: ‘आज का भारत निडर और आत्मविश्वासी है’
ISS पर विदाई समारोह के दौरान शुभांशु ने कहा:
“41 साल पहले राकेश शर्मा ने भारत को अंतरिक्ष से देखा था। आज का भारत और भी सुंदर, आत्मविश्वासी और आशावादी दिखता है – अब भी ‘सारे जहाँ से अच्छा’।”
मिशन एक्सिओम-4: तीन देशों की ऐतिहासिक साझेदारी
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शुभांशु शुक्ला (भारत)
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पैगी व्हिटसन (कमांडर, अमेरिका)
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स्लावोस उज़नान्स्की (पोलैंड)
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तिबोर कपु (हंगरी)
शुभांशु ने अपने 18 दिवसीय मिशन में 60 से अधिक वैज्ञानिक प्रयोग किए। इनमें माइक्रोएल्गी, मायोजेनेसिस, और फसल बीजों पर शोध शामिल था — जो भविष्य के गगनयान मिशन और भारत के अंतरिक्ष शोध के लिए बेहद अहम हैं।
🌊 कैलिफोर्निया तट ही क्यों चुना गया?
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गहराई और स्थिरता: प्रशांत महासागर का यह क्षेत्र स्प्लैशडाउन के लिए सुरक्षित माना जाता है।
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लॉजिस्टिक सुविधा: नजदीक रिकवरी जहाज, हेलिकॉप्टर और मेडिकल यूनिट उपलब्ध।
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पूर्व अनुभव: NASA और SpaceX पहले भी इस स्थान पर सफल मिशन कर चुके हैं।
🎉 लखनऊ में स्वागत की तैयारियां शुरू
शुभांशु की ऐतिहासिक वापसी पर भारतभर में उत्साह का माहौल है। लखनऊ में उनके स्वागत की तैयारियां जोर-शोर से शुरू हो गई हैं। भारत का यह स्वदेशी नायक अंतरिक्ष विज्ञान में नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा बन चुका है।
शुभांशु शुक्ला की वापसी सिर्फ एक अंतरिक्ष यात्रा का अंत नहीं, बल्कि भारत के अंतरिक्ष युग की नई शुरुआत है। 🚀