नई दिल्ली, नवसत्ता : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाल ही में पांच देशों की 10 दिवसीय लंबी यात्रा से भारत लौटे हैं, जिसे उन्होंने भारत की वैश्विक कूटनीति की एक बड़ी सफलता बताया है। इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री को चार देशों द्वारा सर्वोच्च सम्मान से नवाजा गया और उनका भव्य स्वागत किया गया, जो भारत की बढ़ती वैश्विक शक्ति का प्रमाण है।
वैश्विक मंच पर भारत की बढ़ती उपस्थिति
प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा भारत की वैश्विक कूटनीति में एक नया अध्याय जोड़ती है और उनके नेतृत्व में भारत की वैश्विक छवि को और मजबूत करती है। ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से लेकर अन्य द्विपक्षीय वार्ताओं तक, प्रधानमंत्री मोदी लगातार चर्चा का विषय बने रहे। भारत वापस लौटने पर उन्होंने इस यात्रा को एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक सफलता बताया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि दुनिया अब भारत की उभरती ताकत को पहचान रही है।
10 दिन, 5 देश: कूटनीतिक संबंधों को मिली मजबूती
पिछले एक दशक में प्रधानमंत्री की यह सबसे लंबी राजनयिक यात्रा थी, जिसमें उन्होंने घाना, त्रिनिदाद और टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राजील और नामीबिया का दौरा किया। इस दौरे का मुख्य उद्देश्य ग्लोबल साउथ के साथ भारत के संबंधों को मजबूत करना था। इसके अतिरिक्त, यात्रा का लक्ष्य व्यापार, रक्षा, ऊर्जा और तकनीकी सहयोग को बढ़ावा देना और ब्रिक्स जैसे बहुपक्षीय मंचों पर भारत की स्थिति को सुदृढ़ करना था।
दशकों बाद ऐतिहासिक दौरे
प्रधानमंत्री मोदी ने उन देशों का दौरा किया जहां दशकों से किसी भारतीय नेता ने कदम नहीं रखा था। उदाहरण के लिए, घाना में 30 वर्षों के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री का पहुंचना भारत और घाना दोनों के लिए एक ऐतिहासिक क्षण था। यह कदम न केवल भारत के लिए खुशी का पल था, बल्कि घाना के राष्ट्रपति और वहां की जनता ने भी इसका गर्मजोशी से स्वागत किया।
प्रधानमंत्री ने इन देशों के साथ संबंधों को मजबूत करने के साथ-साथ, उन अवसरों को भुनाया जिससे भारत अपने रणनीतिक हितों को साध सके। त्रिनिदाद और टोबैगो में, पीएम मोदी ने 1968 में भारत द्वारा उपहार में दी गई स्पीकर की कुर्सी के सामने खड़े होकर दोनों देशों के बीच समय की कसौटी पर खरी उतरी दोस्ती को याद दिलाया।
ब्रिक्स में भारत की संप्रभुता और ग्लोबल साउथ की लहर
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 2025 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन बेहद खास रहा। उनके संबोधन के बाद पूरी दुनिया में ग्लोबल साउथ की लहर दौड़ गई। प्रधानमंत्री ने वैश्विक व्यापार को सुधारने और वैश्विक संबंधों को मजबूत करने के लिए एक प्रभावी रणनीति पर काम किया। ब्रिक्स में भारत की संप्रभुता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई, जिससे चीन और अमेरिका जैसे देशों को दरकिनार करते हुए अब दुनिया भारत के नेतृत्व में आगे बढ़ने को तैयार दिख रही है।
प्रधानमंत्री मोदी की यह सफल यात्रा दर्शाती है कि भारत वैश्विक मंच पर एक महत्वपूर्ण और प्रभावशाली खिलाड़ी के रूप में उभर रहा है।