संवाददाता
इटावा,नवसत्ताः यूपी के इटावा में एक बार फिर बवाल हुआ है। दो कथावाचकों के साथ हुई बदसलूकी के विरोध में गुरुवार को अहीर रेजीमेंट के कुछ सदस्य दांदरपुर गांव में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे। पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो लोगों ने पत्थर बरसाना शुरू कर दिया। पुलिस ने बल प्रयोग किया और हवाई फायरिंग भी की। इसके बाद हालात काबू में हुए। पुलिस ने इस मामले में 12 लोगों को अरेस्ट किया है। पूरे इलाके में माहौल तनावपूर्ण हो गया है। सीएम योगी ने दोषियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई के निर्देष दिये हैं। उधर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर दलितों और पिछड़ों के उत्पीड़न का आरोप लगाया है।
आपको बता दें कि कुछ दिन पहले दांदरपुर गांव में कथावाचकों से बदसलूकी हुई थी। इसको लेकर ब्राह्मण और यादव पक्ष के लोग आमने-सामने हैं। एक शख्स गगन यादव ने अहीर रेजीमेंट नामक संगठन बना रखा है। उनकी अगुवाई में अहीर रेजीमेंट के लोग गांव में घुस रहे थे। पुलिस ने उन्हें रोकना चाहा तो वे भड़क गए। पुलिस की गाड़ी पर पथराव शुरू कर दिया।
कुछ युवकों ने लाठी-डंडे और ईंट-पत्थरों से पुलिस की गाड़ी भी तोड़ डाली। पुलिस ने हवाई फायरिंग कर भीड़ तितर-बितर की। पुलिस ने दौड़ाकर कई उपद्रवियों को मौके से ही गिरफ्तार कर लिया। पुलिस वीडियो के माध्यम से फरार उपद्रवियों को खोज रही है। पुलिस अधीक्षक ग्रामीण श्रीशचंद्र ने बताया कि तत्काल घटना पर नियंत्रण पा लिया गया। गांव के बाहर फोर्स तैनात है।
इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में कानून-व्यवस्था को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक की। इस दौरान उन्होंने हाल की कुछ घटनाओं जैसे इटावा, कौशांबी और औरैया का जिक्र करते हुए कहा कि प्रदेश में कुछ अराजक तत्व जातीय विद्वेष फैलाने की साजिश कर रहे हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि ऐसी किसी भी साजिश का तत्काल पर्दाफाश किया जाए और दोषियों की सार्वजनिक पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित हो।
सीएम योगी ने कहा कि जातीय संघर्ष की साजिशें प्रदेश की छवि को धूमिल करती हैं और सामाजिक ताने-बाने को नुकसान पहुंचाती हैं। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि प्रशासन को कार्रवाई के लिए शासनादेश की प्रतीक्षा नहीं करनी चाहिए, बल्कि त्वरित निर्णय लेकर कार्यवाही करें।
बैठक में आगामी धार्मिक आयोजनों जैसे श्रावण मास, रथ यात्रा, मोहर्रम और रक्षाबंधन को लेकर विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह समय न केवल कानून-व्यवस्था बल्कि स्वास्थ्य, स्वच्छता, यातायात और आपदा प्रबंधन की दृष्टि से भी संवेदनशील है।
कांवड़ यात्रा को लेकर मुख्यमंत्री ने विशेष दिशा-निर्देश जारी किए। उन्होंने कहा कि यह यात्रा आस्था, अनुशासन और उल्लास का प्रतीक है और इसकी गरिमा बनी रहनी चाहिए। कानफोड़ू ध्वनि, भड़काऊ नारे, रूट में बदलाव, परंपरा से हटकर कोई गतिविधि और डीजे की तेज आवाज बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यात्रा मार्ग पर पेड़ काटने, झुग्गी या गरीबों के घर उजाड़ने की अनुमति नहीं होगी।
वहीं सीएम योगी ने कहा कि किसी भी धार्मिक आयोजन में अस्त्र-शस्त्र का प्रदर्शन या धार्मिक प्रतीकों का राजनीतिक उपयोग सख्त रूप से प्रतिबंधित होगा। यात्रा मार्गों पर सोशल मीडिया मॉनिटरिंग, ड्रोन से निगरानी और स्थानीय संवाद की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
श्रद्धालुओं की सुविधा को सर्वोपरि बताते हुए उन्होंने खुले में मांस बिक्री पर रोक, स्वच्छता, पेयजल, प्रकाश, शौचालय और प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था को चाक-चैबंद रखने के निर्देश दिए। सोमवार को मंदिरों में भीड़ को देखते हुए ट्रैफिक और सफाई व्यवस्था को सुदृढ़ करने को कहा। मोहर्रम और रथ यात्रा को लेकर भी विशेष सतर्कता के निर्देश दिए गए। आयोजन समितियों और पीस कमेटियों से संवाद कर शांतिपूर्ण आयोजन सुनिश्चित करने को कहा गया।
अखिलेश यादव का BJP पर निशाना: ‘संविधान बचाने के लिए एकजुट होने का वक्त आ गया’
लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि संविधान बचाने की लड़ाई को अब एकजुट होकर लड़ने का वक्त आ गया है।
पार्टी कार्यालय में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अखिलेश यादव ने समाजवादी विचारधारा के अनुयायियों से डॉ. अंबेडकर, नेताजी सुभाष चंद्र बोस और शाहू जी महाराज के दिखाए रास्ते पर चलने और संघर्ष करने का संकल्प लेने का आह्वान किया। उन्होंने यह भी ऐलान किया कि अब संविधान दिवस को ‘संविधान मान स्तंभ स्थापना दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा।
BJP पर निशाना साधते हुए अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि BJP सत्ता हासिल करने के लिए संविधान का इस्तेमाल करती है, लेकिन सत्ता में आने के बाद उसे ताक पर रख देती है। उन्होंने कहा कि BJP की निष्ठा संविधान में नहीं, बल्कि सत्ता में है। उन्होंने इस स्थिति को ‘मैं बनाम हम’ की लड़ाई करार दिया और दावा किया कि BJP समाजवाद के खिलाफ है। अखिलेश यादव ने इस दौरान दलितों पर अत्याचार और भूमि अधिग्रहण के मुद्दे भी उठाए। उन्होंने बिहार में BJP की हार का भी दावा किया।