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अमेरिका से डिपोर्ट किए गए अप्रवासियों ने दर्दनाक कहानी साझा की: 40 घंटे तक हाथ-पैर बंधे रहे, खाने के लिए भी हाथ नहीं खोले

 

संसद में अमेरिका से डिपोर्ट किए गए भारतीयों को लेकर हंगामा

संवाददाता
नई दिल्ली, नवसत्ता: अमेरिका ने भारत के 104 अवैध अप्रवासियों को वापस भारत भेज दिया है। इन लोगों की कहानी भारत से अमेरिका तक की यात्रा से लेकर वापसी तक बेहद दर्दनाक रही। अमेरिका से रवाना हुआ सी-17 विमान बुधवार को अमृतसर पहुंचा, लेकिन इस विमान में सवार 104 अप्रवासियों ने अपने जीवन के सबसे कठिन 40 घंटे बिताए।

विमान में सवार हरविंदर सिंह ने अपने उन 40 घंटों के दर्दनाक अनुभव को साझा किया। उन्होंने बताया कि पूरे 40 घंटे तक उनके हाथों में हथकड़ी और पैरों में बेड़ियां बंधी रहीं। उन्हें इतनी सख्ती से रोका गया कि वे अपनी सीट से एक इंच भी हिल नहीं सके। यहां तक कि वॉशरूम जाने के लिए भी उन्हें बार-बार अनुरोध करना पड़ा।

टेक्सास के सेंट एंटोनियो एयरपोर्ट पर अमेरिकी सैन्य अधिकारियों ने इन्हें बेड़ियों में जकड़कर मिलिट्री प्लेन में चढ़ाया। भारत पहुंचने तक का 40 घंटे का सफर इन लोगों ने बंधे हाथ-पैरों के साथ ही तय किया।

कुछ अप्रवासियों ने मीडिया को बताया कि उन्हें विमान में एक ही सीट पर बैठे रहने के लिए मजबूर किया गया। वॉशरूम जाने की अनुमति नहीं थी, लेकिन जब लोगों ने जोर दिया तो विमान क्रू ने उन्हें वॉशरूम तक ले जाकर अंदर धकेल दिया।

अप्रवासियों ने यह भी बताया कि उन्हें बहुत कम मात्रा में खाना दिया गया, जिसे उन्हें बंधे हाथों से ही खाना पड़ा। डिपोर्ट किए गए लोगों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। अमेरिका से भारत के बीच विमान ने चार बार रीफ्यूलिंग के लिए स्टॉप लिया, लेकिन अंदर बैठे लोगों को विमान से उतरने की अनुमति नहीं थी।

अमेरिकी सैन्य अधिकारियों ने एक लाइन में चेन से बंधे भारतीयों को विमान में चढ़ाया। विमान में पंजाब के 30, हरियाणा और गुजरात के 33-33 लोग शामिल थे। इसके अलावा, विमान में 11 क्रू मेंबर और 45 अमेरिकी अधिकारी भी सवार थे।

संसद में अमेरिका से डिपोर्ट किए गए भारतीयों को लेकर हंगामा, दोनों सदन 12 बजे तक स्थगित

अमेरिका से भारतीयों को डिपोर्ट किए जाने के मुद्दे पर गुरुवार को संसद के दोनों सदनों में जोरदार हंगामा हुआ। विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को उठाते हुए सदन की कार्यवाही में व्यवधान पैदा किया, जिसके चलते लोकसभा और राज्यसभा दोनों की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी गई।

लोकसभा में हंगामा
लोकसभा में कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सदस्यों ने अमेरिका से “अवैध” भारतीय प्रवासियों को वापस भेजे जाने के मुद्दे को उठाया। विपक्षी दलों के सदस्यों ने जोरदार नारेबाजी की और कार्यस्थगन प्रस्ताव रखा। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्षी सदस्यों से शांत होकर सदन की कार्यवाही चलाने की अपील की, लेकिन हंगामा थमने का नाम नहीं ले रहा था।

बिरला ने कहा, “यह विदेश नीति का मामला है। सरकार इस मुद्दे पर गंभीर है और इस पर संज्ञान ले रही है। आपसे अनुरोध है कि सदन की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलने दें। प्रश्नकाल में लगातार गतिरोध पैदा करना भारतीय मतदाताओं का अपमान है।”

हालांकि, विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच प्रश्नकाल शुरू किया गया और नागर विमानन मंत्रालय से संबंधित कुछ पूरक प्रश्न पूछे गए। लेकिन हंगामा बढ़ता देख लोकसभा अध्यक्ष ने सुबह 11:10 बजे सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

राज्यसभा में भी हंगामा
राज्यसभा में भी विपक्षी दलों के सदस्यों ने अमेरिका से भारतीयों को डिपोर्ट किए जाने और प्रयागराज महाकुंभ में हुए हादसे सहित अन्य मुद्दों को लेकर जोरदार हंगामा किया। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही उपसभापति हरिवंश ने बताया कि उन्हें प्रवासी भारतीयों के निर्वासन और महाकुंभ में कथित कुप्रबंधन सहित अन्य मुद्दों पर कुल 13 नोटिस मिले हैं। हालांकि, उन्होंने सभी नोटिस अस्वीकार कर दिए।

इसके बाद कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (AAP), वाम दलों और अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने सदन में हंगामा शुरू कर दिया। उपसभापति ने सदस्यों से शांत होकर शून्यकाल की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने की अपील की, लेकिन हंगामा जारी रहा। इसके चलते सुबह 11:05 बजे राज्यसभा की कार्यवाही भी दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

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