महाकुम्भ के पहले अमृत स्नान में दिखा आस्था का प्रचंड वेग, साधुओं के दर्शन के साथ पवित्र डुबकी लगाकर प्राप्त किया पुण्य
हाड़ कंपा देने वाली ठंड में उजाले की पहली किरण निकलने से पहले ही करोड़ों श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी
12 किलोमीटर लंबे घाट क्षेत्र में गूंजते रहे हर-हर महादेव और जय श्री राम के जयघोष
नागा साधुओं की राजसी शोभायात्रा ने खींचा ध्यान, श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए चप्पे-चप्पे पर कड़े प्रबंध
महाकुम्भ नगर, 14 जनवरी,नवसत्ता। तीर्थराज प्रयागराज में जब उजाले की एक किरण तक नहीं निकली थी, हाड़ कंपा देने वाली ठंड के बीच मकर संक्रांति के पावन पर्व पर महाकुम्भ नगर में श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा। अमृत स्नान के लिए देश-विदेश से करोड़ों लोग गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम पर पहुंचे। पवित्र स्नान का यह दृश्य भारतीय संस्कृति और परंपरा की गहराई को दर्शाता नजर आ रहा था। ब्रह्म मुहूर्त में ही लोगों ने पतित पावनी गंगा और संगम तट पर आस्था की डुबकी लगाकर सुख, स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना की।
नागा साधुओं की भव्य शोभायात्रा देखने उमड़े श्रद्धालु
पंचायती निर्वाणी अखाड़े के नागा साधुओं ने भाला, त्रिशूल और तलवारों के साथ अपने शाही स्वरूप में अमृत स्नान किया। साधु-संत घोड़े और रथों पर सवार होकर शोभायात्रा में शामिल हुए, जिससे पूरे क्षेत्र में भक्ति और आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार हो गया। उनके साथ चल रही भजन मंडलियों और श्रद्धालुओं के जयघोष ने माहौल को और दिव्य बना दिया।
सिर पर गठरी, बगल में झोला लेकर आधी रात से ही गंगा की तरफ दौड़ रहे थे श्रद्धालु
नागवासुकी मंदिर और संगम क्षेत्र में तड़के से ही श्रद्धालुओं का तांता लग गया। बुजुर्ग, महिलाएं और युवा, सभी अपने सिर पर गठरी लादे आस्था से भरे हुए संगम की ओर बढ़ते दिखे। स्नान के लिए श्रद्धा ऐसी थी कि लोग रात से ही गंगा के पवित्र जल में डुबकी लगाना शुरू कर चुके थे।
चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा के कड़े प्रबंध, घुड़सवार पुलिस ने किया मार्च
महाकुम्भ नगर में श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए प्रशासन ने पुख्ता इंतजाम किए। हर मार्ग पर बैरिकेडिंग लगाकर वाहनों की गहन जांच की गई। चप्पे-चप्पे पर पुलिस और सुरक्षा बलों की तैनाती से पूरा आयोजन शांतिपूर्ण और व्यवस्थित रहा। डीआईजी कुम्भ मेला वैभव कृष्ण, एसएसपी राजेश द्विवेदी समेत पुलिस टीम ने घोड़े के साथ मेला क्षेत्र में पैदल मार्च किया और अमृत स्नान जा रहे अखाड़ा साधुओं का मार्ग प्रशस्त किया।
घाटों पर गूंजे हर हर महादेव और जय श्री राम के जयघोष
12 किलोमीटर क्षेत्र में फैले स्नान घाटों पर हर हर महादेव और जय श्री राम के जयघोष सुनाई दिए। साधुओं के अमृत स्नान के साथ ही आम श्रद्धालुओं ने भी अपनी आस्था की डुबकी लगाई। संगम के आसपास गंगा स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ चारों ओर से देखी गई। इस दौरान सभी ने हर हर महादेव और जय श्री राम के नारों से संगम क्षेत्र को गुंजायमान कर दिया।
महाकुम्भ के त्रिवेणी तट पर एकता और समरसता का अद्भुत नजारा
महाकुम्भ के पावन अवसर पर त्रिवेणी संगम तट पर आस्था और दिव्यता का अद्भुत नजारा देखने को मिल रहा है। एक ओर अखाड़े के साधु-संत अपने विशिष्ट अंदाज में स्नान कर रहे हैं, तो दूसरी ओर हजारों श्रद्धालु गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में पवित्र डुबकी लगाते नजर आए। संगम तट पर ऐसे अनगिनत दृश्य देखने को मिले, जहां पिता अपने पुत्र को कंधे पर बिठाकर स्नान करा रहे थे। वहीं, कुछ स्थानों पर वृद्ध पिता को उनका पुत्र स्नान कराने लाया था। ये नजारे रिश्तों की गहराई और भारतीय संस्कृति के पारिवारिक मूल्यों की झलक पेश करते हैं।
रात-दिन का अंतर मिटा श्रद्धालुओं ने भरी आस्था की डुबकी
महाकुम्भ के इस पावन अवसर पर रात और दिन का कोई भेद नहीं रह गया है। पूरी रात श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा रहा। चहल-पहल से गूंजते संगम तट पर हर व्यक्ति अपने हिस्से की आस्था और दिव्यता को आत्मसात करने में लीन दिखा। भारत की असंख्य विविधताओं के बीच अद्भुत एकता दिखाई दे रही है। देश के कोने-कोने से आए श्रद्धालु अपनी परंपराओं, भाषाओं और वेशभूषाओं के साथ एक ही उद्देश्य से संगम पर पहुंचे हैं और वो है पवित्र स्नान और आध्यात्मिक अनुभव।
भगवे और तिरंगे का संगम
महाकुंभ के अद्वितीय आयोजन में भगवा और तिरंगे का संगम भारतीय संस्कृति और एकता का प्रतीक बन गया है। संगम तट पर सनातन परंपरा का प्रतिनिधित्व करते भगवा ध्वज जहां धर्म और आस्था की गहराई को दर्शाते हैं, वहीं भारत की एकता और अखंडता का परिचायक तिरंगा भी शान से लहराता नजर आया। मंगलवार को तिरंगे ने कई अखाड़ों की राजसी शोभायात्रा का हिस्सा बनकर महाकुंभ के इस दिव्य आयोजन में गौरव का एक नया आयाम जोड़ा। यह दृश्य न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक भावनाओं को जागृत करता है, बल्कि भारत की विविधता में एकता को भी खूबसूरती से दर्शाता है।
अनुभव करें अनुपम दिव्यता
महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि एक ऐसा अलौकिक अनुभव है, जो कण-कण में दिव्यता का आभास कराता है। यह उत्सव केवल आंखों से देखा ही नहीं, बल्कि दिल से महसूस किया जाता है। महाकुंभ का यह आयोजन न केवल धार्मिक भावनाओं को जागृत करता है, बल्कि भारतीय संस्कृति की गहराई और समाज की सामूहिकता को भी दर्शाता है। यह उत्सव हर किसी के लिए एक अद्वितीय अनुभव और आत्मा को शांति प्रदान करने का माध्यम है।
बाबा गोरखनाथ को खिचड़ी चढ़ाकर सीएम योगी ने की लोकमंगल की कामना
गोरखपुर, 14 जनवरी। मकर संक्रांति के पावन पर्व पर गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को ब्रह्म मुहूर्त में चार बजे गोरखनाथ मंदिर में नाथपंथ की विशिष्ट परंपरा के अनुसार शिवावतार महायोगी गोरखनाथ को विधि विधान से आस्था की पवित्र खिचड़ी चढ़ाई। इस अवसर पर उन्होंने भगवान गोरखनाथ से लोकमंगल, सभी नागरिकों के सुखमय और समृद्धमय जीवन तथा राष्ट्र कल्याण की प्रार्थना की।
बाबा गोरखनाथ को खिचड़ी चढ़ाने के बाद मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने सभी नागरिकों, संतों और श्रद्धालुओं को मकर संक्रांति की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी। मीडियाकर्मियों से बातचीत में सीएम ने कहा कि मकर संक्रांति भारत के पावन पर्व और त्योहारों की श्रृंखला में जगतपिता सूर्य के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने का एक उत्सव है। पूरे देश के अंदर अलग-अलग नामों और स्वरूपों में आज सनातन धर्मावलंबी पूरी श्रद्धा के साथ इस आयोजन के साथ जुड़ते हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश के अंदर उत्तर हो, दक्षिण हो,पूरब हो या पश्चिम हो, अलग-अलग नाम और रूपों में मकर संक्रांति पर्व को लोग मनाते हैं तथा उत्सव के साथ जुड़ते हैं। यह उत्सव भारत की सनातन धर्म की परंपरा में आनंद के क्षणों को एकजुटता और एकता के साथ आयोजित करने तथा अपनी खुशी के साथ पूरे समाज को जोड़ने का विशिष्ट और विराट आयोजन है। उन्होंने कहा कि पूरब के असम में बिहू के रूप में, पंजाब में लोहड़ी के रूप में, सुदूर दक्षिण में पोंगल के रूप में, बंगाल व महाराष्ट्र में तिलवा संक्रांति के रूप में तथा उत्तर भारत में खिचड़ी संक्रांति के रूप में इस महापर्व को श्रद्धालुजन आयोजित करते हैं। सीएम योगी ने कहा कि मकर संक्रांति के अवसर पर प्रदेश की पवित्र नदियों, सरोवरों में स्नान, दान-पुण्य का कार्यक्रम बड़े उत्साह के साथ प्रारंभ हो चुका है। यह मेरा सौभाग्य है कि गुरु गोरखनाथ की साधना स्थली पर बाबा के श्रीचरणों में खिचड़ी चढ़ाने का अवसर प्राप्त हुआ है।
महाकुंभ के प्रति देश और दुनिया का आकर्षण अद्भुत व अकल्पनीय : मुख्यमंत्री
मकर संक्रांति की बधाई देने के साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संतों, श्रद्धालुओं को प्रयागराज महाकुंभ के पहले अमृत स्नान की भी बधाई और शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि एक तरफ भगवान गोरखनाथ की पावन तपस्थली पर आस्था की खिचड़ी चढ़ाई जा रही है तो दूसरी ओर इस सदी का पहला महाकुंभ तीरथपति प्रयागराज में प्रारंभ हो चुका है। सीएम ने कहा कि महाकुंभ के प्रति जो आकर्षण देश और दुनिया में देखने को मिल रहा है वह अद्भुत है अकल्पनीय है। कल सोमवार को लगभग 2 करोड़ श्रद्धालुओं ने प्रयागराज में मां गंगा, यमुना और सरस्वती की त्रिवेणी में डुबकी लगाई और पुण्य के भागीदार बने। आज प्रयागराज में पूज्य संतों की अगुवाई में लाखों की संख्या में श्रद्धालु ब्रह्म मुहूर्त से ही पुण्य की डुबकी लगा रहे हैं। देश और दुनिया में रहने वाले सनातन धर्मावलंबियों के साथ सनातन धर्म के प्रति आकर्षित तमाम विदेशी भी इस महाकुंभ के साक्षी बना रहे हैं।
सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रयोग कतई न करें
मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्व और त्योहार हमें एकता का संदेश देते हैं। सामाजिक और राष्ट्रीय एकता को सुदृढ़ बनाने और परंपराओं की पवित्रता कायम रखने की प्रेरणा प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि पर्व और त्योहार पर श्रद्धा का भाव अभिनंदनीय है। हम सब का प्रयास होना चाहिए कि हमारे पावन तीर्थ स्वच्छ और सुंदर बने रहें। इसके लिए सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग कतई न करें। कहीं भी, जहां-तहां गंदगी न करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि शासन और प्रशासन, अनेक स्वयंसेवी संगठन पूज्य संतों और श्रद्धालुओं की सुविधाजनक व्यवस्थाओं में लगे हैं।