राजकीय सम्मान के साथ किया गया अंतिम संस्कार
नई दिल्ली, नवसत्ताः भारत के पहले सिख पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह आज पंचतत्व में विलीन हो गए। उन्हें पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई। मनमोहन सिंह को मुखाग्नि दी गई। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को 21 तोपों की सलामी दी गई। साथ ही मनमोहन सिंह की जयकारा लगाया गया। मनमोहन सिंह अमर रहे का नारा देकर कांग्रेस नेताओं ने दी विदाई। मनमोहन सिंह की अंतिम संस्कार की सारी तैयारी हो गई है। सभी नेताओं ने चिता पर अपनी-अपनी लकड़ी डालकर विदाई दी। राहुल गांधी ने भी मनमोहन सिंह की चिता पर लकड़ी डाली। पीएम मोदी, राजनाथ सिंह, अमित शाह समेत कई गणमान्य लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। सभी ने नम आंखों से उन्हें अंतिम विदाई दी। भले ही मनमोहन सिंह अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी शख्सियत की चर्चा हर जगह हो रही है। निगमबोध घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के सम्मान में मॉरीशस की सरकार ने 28 दिसंबर को अपना राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रखने का एलान किया है।
अंतिम संस्कार के दौरान भी मनमोहन सिंह को उनकी पसंदीदा नीली पगड़ी पगड़ी पहनाई गई। उन्होंने कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी को याद रखने के लिए उसके एक रंग को अपनी पगड़ी का सिग्नेचर कलर बना लिया था। डॉ. मनमोहन सिंह की पार्थिव देह को सुबह 9ः30 बजे उनके आवास से कांग्रेस मुख्यालय लाया गया था। इसके बाद अंतिम यात्रा शुरू हुई। राहुल गांधी पार्थिव देह के साथ गाड़ी में बैठे थे। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार रात निधन हो गया था। वे 92 साल के थे। वे लंबे समय से बीमार थे। घर पर बेहोश होने के बाद उन्हें रात 8ः06 बजे दिल्ली एम्स लाया गया था। हॉस्पिटल बुलेटिन के मुताबिक, रात 9ः51 बजे उन्होंने आखिरी सांस ली।
कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा, जो संवेदनशीलता सरकार ने यहां आकर दिखाई है इससे ज्यादा संवेदनशीलता उन्हें अंतिम संस्कार के लिए एक जगह देने में दिखानी चाहिए थी। जो काम आप 3 दिन बाद करेंगे, वे आज कर दिया होता। कुछ मामलों में सरकार को नियम से बंधना नहीं चाहिए। अटल जी के अंतिम संस्कार के लिए सरकार जमीन मुहैया कराई थी। डॉ मनमोहन सिंह जैसा बेटा हमें छोड़ कर जा रहा था तो उसी जगह पर अंतिम संस्कार होना चाहिए था जहां स्मारक बनेगा। आपके पास पूरे एक दिन का समय था आप ये काम कर सकते थे। डॉ मनमोहन सिंह का कद इन चीजों से बहुत बड़ा है। सरकार को थोड़ा और संवेदनशील होना चाहिए था।