देहरादून, नवसत्ता : उत्तराखंड में अगले साल जनवरी से समान नागरिक संहिता (UCC) लागू की जाएगी। यह घोषणा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को की। देहरादून में उत्तराखंड निवेश और आधारभूत संरचना विकास बोर्ड (यूआईआईडीबी) की बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने UCC लागू करने की दिशा में सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली हैं। जनवरी 2025 से यह पूरे प्रदेश में प्रभावी हो जाएगा। इस ऐतिहासिक कदम के साथ उत्तराखंड आजादी के बाद समान नागरिक संहिता लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन जाएगा।
उत्तराखण्ड में जनवरी 2025 से लागू होगी समान नागरिक संहिता..
उत्तराखण्ड को न्यायसंगत और समतामूलक बनाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाते हुए हमने जनवरी 2025 से समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) लागू करने का निर्णय लिया है। आज UIIDB की बैठक में अधिकारियों को इस विषय पर आवश्यक… pic.twitter.com/DCCMuQ4sCL
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) December 18, 2024
UCC लागू करने की प्रक्रिया
मुख्यमंत्री ने बताया कि मार्च 2022 में सरकार बनने के बाद, मंत्रिमंडल की पहली बैठक में ही UCC लागू करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति गठित करने का निर्णय लिया गया। इसके तहत:
- विशेषज्ञ समिति का गठन:
सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय समिति बनाई गई। - विधानसभा में विधेयक पारित:
समिति की सिफारिशों के आधार पर, “समान नागरिक संहिता विधेयक-2024” सात फरवरी 2024 को राज्य विधानसभा में पारित किया गया। - राष्ट्रपति की स्वीकृति:
विधेयक को 12 मार्च 2024 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी मिली, जिसके बाद इसकी अधिसूचना जारी की गई। - नियमावली तैयार:
UCC के प्रावधानों को लागू करने के लिए नियमावली बनाई गई है।
UCC के लाभ
मुख्यमंत्री ने कहा कि समान नागरिक संहिता राज्य की महिलाओं और बच्चों के सशक्तिकरण में मददगार साबित होगी। यह कानून “सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास” की भावना के तहत समाज को नई दिशा देगा।
डिजिटल पहल
UCC लागू करने के लिए एक पोर्टल और मोबाइल ऐप भी विकसित किया गया है, जो नागरिकों को पंजीकरण और अपील जैसी सुविधाएं ऑनलाइन उपलब्ध कराएगा। इसके अलावा, अधिकारियों को UCC के क्रियान्वयन के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा और आवश्यक आधारभूत सुविधाएं सुनिश्चित की जाएंगी।
मुख्यमंत्री का संदेश
पुष्कर सिंह धामी ने कहा, “उत्तराखंड का समान नागरिक संहिता कानून समाज में समरसता और समानता लाने के साथ ही देवभूमि के नागरिकों के लिए सशक्तिकरण के नए द्वार खोलेगा। यह एक ऐतिहासिक पहल है, जो राज्य को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी।”
यह कदम उत्तराखंड को पूरे देश के लिए एक मिसाल बनाने के साथ ही सामाजिक न्याय और विकास की दिशा में बड़ा योगदान देगा।