नई दिल्ली,नवसत्ता : – कांग्रेस नेता राहुल गांधी लोकसभा में विपक्ष के नेता का पद संभालेंगे और इस फैसले के बारे में प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब को पत्र भेजा गया है। कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर इंडिया ब्लॉक के फ्लोर नेताओं की बैठक के बाद राहुल गांधी को विपक्ष का नेता नियुक्त करने का फैसला लिया गया। बैठक के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल ने संवाददाताओं से कहा, “कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष (सोनिया गांधी) ने प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब को पत्र लिखकर राहुल गांधी को लोकसभा में विपक्ष का नेता नियुक्त करने के फैसले की जानकारी दी।” उन्होंने कहा कि अन्य नियुक्तियों पर फैसला बाद में लिया जाएगा।
राहुल गांधी पांच बार सांसद रह चुके हैं और वर्तमान में लोकसभा में रायबरेली निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने आज संविधान की एक प्रति लेकर सांसद के रूप में शपथ ली। सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी होने के नाते कांग्रेस को विपक्ष के नेता का पद 10 साल के अंतराल के बाद मिला है। पिछले दो चुनावों में वह इस पद को हासिल करने के लिए लोकसभा में आवश्यक 10 प्रतिशत सदस्य पाने में विफल रही थी।
कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक के दौरान बीते दिनों सर्वसम्मति से राहुल गांधी को लोकसभा में विपक्ष का नेता बनाने की मांग उठी थी। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष के लिए अपने नाम का प्रस्ताव पारित होने पर राहुल गांधी ने इस बारे में सोचने के लिए कमेटी के सदस्यों से कुछ समय मांगा था।
राहुल गांधी को नेता प्रतिपक्ष बनाने की उठ रही थी मांग
लोकसभा चुनाव के परिणाम आन के बाद से कांग्रेस नेताओं की ओर से लगातार राहुल गांधी को नेता प्रतिपक्ष बनाने की मांग उठ रही थी। कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में इसको लेकर प्रस्ताव भी पारित किया गया था। इसके बाद राहुल गांधी ने इस पर फैसला लेने को लेकर पार्टी से कुछ वक्त भी मांगा था। राहुल गांधी को लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष नियुक्त करने के कांग्रेस के फैसले की जानकारी देते हुए पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने संवाददाताओं को बताया कि कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने पार्टी के इस फैसले के बारे में सूचित करते हुए लोकसभा के ‘प्रोटेम स्पीकर’ (अस्थायी अध्यक्ष) भर्तृहरि महताब को पत्र भेजा है। राहुल गांधी के लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता बनने से कांग्रेस को नई दिशा और ऊर्जा मिलेगी। उन्हें इंडिया अलायंस में सहयोगियों के साथ बेहतर तालमेल बिठाने में मदद मिलेगी। साथ ही लोकसभा में बीजेपी पर विपक्ष के हमले का नेतृत्व करके कांग्रेस को भी एक मजबूत चेहरा मिलेगा।