नई दिल्ली, नवसत्ताः जंतर-मंतर पर धरना दे रहे पहलवानों की मुश्किलें आए दिन बढ़ती ही जा रही हैं, रविवार को पुलिस से हुई झड़प के बाद पुलिस ने जंतर- मंतर से पहलवानों के टेन्ट व रहने के समान को हटा दिया और आज सुबह जंतर मंतर से रवाना हो रहे 109 पहलवानों के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज की।
दरअसल, रविवार को नई संसद के सामने महिला महापंचायत बुलाई गई थी। रेसलर्स ने वहां जाने के लिए मार्च निकाला और बैरिकेड्स भी तोड़े। इस दौरान पुलिस के साथ झड़प भी हुई। इसके बाद विनेश फोगाट, साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया समेत कई पहलवानों को हिरासत में लिया गया। हालांकि, बाद में उन्हें रिहा भी कर दिया गया। जिसके बाद रेसलर साक्षी ने कहा था कि अब जंतर-मंतर पर सत्याग्रह करेंगे।
जिसके चलते दिल्ली पुलिस ने पहलवानों समेत 109 लोगों पर एफआईआर दर्ज की है। जिसमें दंगा फैलाने, सरकारी काम में बाधा डालने जैसे गंभीर आरोप शामिल है। वहीं आरोपो को लेकर डीसी ने कहा कि कोई भी व्यक्ति सरकारी कर्मचारी को कार्य करने से रोकता है, अवरोध पैदा करता है, डयूटी करने से रोकने के लिए सरकारी कर्मचारी को चोट पहुंचाता है, तो ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 332 के तहत मामला दर्ज किया जाएगा, जोकि गैर जमानती अपराध की श्रेणी में आता है।और भारतीय दंड संहिता की धारा 332 के तहत अगर कोई व्यक्ति सरकारी सेवक को काम करने से डराने या धमकाने का दोषी पाया जाता है तो तीन साल तक की जेल या जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है।
जिसे लेकर पुलिस ने कहा कि हमने 38 दिन से धरना दे रहे पहलवानों को हर मुमकिन सुविधा दी थी, लेकिन रविवार को इन लोगों ने कानून तोड़ दिया। इसी के साथ डिप्टी पुलिस कमिश्नर सुमन नालवा ने कहा- अगर पहलवानों ने अगली बार धरने की इजाजत मांगी तो हम उन्हें जंतर-मंतर नहीं, दूसरी जगह पर भेजेंगे। वहीं मामले को लेकर रिटायर्ड IPS डॉ. एनसी अस्थाना ने ट्ववीट कर लिखा- कि ज़रूरत हुई तो गोली भी मारेंगे। मगर, तुम्हारे कहने से नहीं। अभी तो सिर्फ कचरे के बोरे की तरह घसीट कर फेंका है। दफ़ा 129 में पुलिस को गोली मारने का अधिकार है। उचित परिस्थितियों में वो हसरत भी पूरी होगी। मगर वह जानने के लिये पढ़ा-लिखा होना आवश्यक है। फिर मिलेंगे पोस्टमार्टम टेबल पर!
जिसके बाद बजरंग पूनिया ने अस्थाना को जवाब दिया- ये आईपीएस ऑफिसर हमें गोली मारने की बात कर रहा है। भाई सामने खड़े हैं, बता कहां आना है गोली खाने… कसम है पीठ नहीं दिखाएंगे, सीने पे खाएंगे तेरी गोली। यही बाकी रह गया है अब हमारे साथ करना, तो यो भी सही।
इसी के साथ सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी पहली बार पहलवानों के समर्थन में ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा- कि सच्चे खिलाड़ियों का अपमान भाजपा की नकारात्मक राजनीति का खेल है। देश नारी का ये अपमान नहीं भूलेगा।
वहीं रविवार को दोनों के बीच हुई झड़प पर कांग्रेस की प्रियंका वाड्रा ने भी भाजपा पर निशाना साधते हुए लिखा था कि खिलाड़ियों की छाती पर लगे मेडल हमारे देश की शान होते हैं। उन मेडलों से, खिलाड़ियों की मेहनत से देश का मान बढ़ता है। भाजपा सरकार का अहंकार इतना बढ़ गया है कि सरकार हमारी महिला खिलाड़ियों की आवाजों को निर्ममता के साथ बूटों तले रौंद रही है। ये एकदम गलत है। पूरा देश सरकार के अहंकार और इस अन्याय को देख रहा है।