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Monsoon Session: अखिलेश को सीएम योगी का जवाब “पर उपदेश कुशल बहुतेरे”

  • समाजवादी और सच नदी के दो किनारे: योगी
  • विधानसभा में सीएम योगी ने अखिलेश को दिखाया आईना, कहा, सहयोग न करें तो अड़ंगा भी न लगाएं नेता प्रतिपक्ष
  • इंसेफेलाइटिस से मरते रहे बच्चे, 04 बार सपा की सरकार रही, कभी संवेदना तक नहीं जताई: सीएम
  • विधानसभा में तथ्यों-तर्कों के साथ मुख्यमंत्री ने अखिलेश को लगाई फटकार, कहा, सदन में तो सच बोलें सपाई
  • स्वास्थ्य सुविधाओं पर बोले योगी, विरासत की विकृति को सुधार रही है डबल इंजन सरकार
  • योगी ने सदन में रखा इंसेफेलाइटिस का ताजा आंकड़ा, कहा इस साल एक भी मौत नहीं

लखनऊ,नवसत्ता: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में गलत तथ्य पेश कर जनता को गुमराह करने की कोशिश पर सपा मुखिया अखिलेश यादव को तगड़ी फटकार लगाई है. मंगलवार को विधानसभा में मुख्यमंत्री ने कहा कि समाजवादी पार्टी और सच, नदी के दो किनारे हैं, जो आपस में कभी नहीं मिलते, लेकिन नेता प्रतिपक्ष को सदन में सच बोलने की आदत डालनी चाहिए.

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 04 बार सपा की सरकार रही, लेकिन प्रदेश की स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने की कोई कोशिश नहीं की गई. यहां तक कि गोरखपुर व आसपास के जिलों में इंसेफेलाइटिस से मासूम बच्चों की हर साल सैकड़ों मौतें होती रहीं, लेकिन सपा की ओर से संवेदना का एक भी शब्द नहीं फूटा.

मॉनसून सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने प्रदेश के स्वास्थ्य तंत्र पर अपना बयान दिया. जवाब में सीएम योगी ने सपा के 04 शासनकाल के दौर की कारगुजारियों की पोल खोल कर रख दी. तथ्यों और तर्कों के साथ सीएम ने कहा कि गोरखपुर एम्स के लिए जमीन देने में यही तथाकथित समाजवादी रोड़ा अटकाते रहे. 2017 में जब नई सरकार बनी तो हमने जमीन की रजिस्ट्री कराई.

प्रदेश में सीएचसी और पीएचसी बंदी की कगार पर थे. जिला अस्पतालों की हालत दयनीय थी. इन्ही बरसात के महीनों में गोरखपुर में इंसेफेलाइटिस का कहर होता था. हर साल 1200 से 2000 तक मासूम बच्चों की मौत होती थी. अकेले बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 500 मौत हर साल होती थी. यह बच्चे अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक वर्ग और पिछड़ा वर्ग परिवारों के थे, लेकिन सरकारों ने कोई इंतजाम नहीं किया. इंसेफेलाइटिस का टीका 1905 में ही जापान में आ गया था, लेकिन भारत तक पहुंचने में उसे 100 साल लग गए. आज सरकार पर सवाल उठाने से पहले इन्हें अपने कार्यकाल के बारे में सोचना चाहिए.

सदन में तथ्य रखकर बोले योगी, बोलने से पहले आंकड़ों का सत्यापन करा लें अखिलेश

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण 4 व 5 के हवाले से मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते साढ़े पांच साल में स्वास्थ्य क्षेत्र में बेहतरीन सुधार हुआ है. एनीमिया की रोकथाम की कोशिशों का ही नतीजा है कि आज प्रदेश में राष्ट्रीय औसत से बेहतर हालात हैं. मातृ व शिशु मृत्यु दर में लगातार सुधार हो रहा है. सीएम ने कहा कि आज हम विरासत की ऐसी ही विकृतियों को सुधार रहे हैं. यह डबल इंजन सरकार के प्रतिबद्धतापूर्ण प्रयासों का ही नतीजा है कि आज हालात ऐसी है कि इस साल अब तक गोरखपुर में एईएस के 40 और जेई के मात्र 07 मामले आये हैं और एक भी बच्चे की मृत्यु नहीं हुई है. 108 एम्बुलेंस के रेस्पॉन्स टाइम को कम किया गया है.

सरकार के लिए 25 करोड़ प्रदेशवासी परिवार का हिस्सा हैं. सीएम ने कहा कि कोरोना आया तो नेता प्रतिपक्ष कहाँ थे, किसी को पता नहीं था. जनता की कोई सुध नहीं ली. प्रधानमंत्री की कोशिशों से कोरोना संक्रमण की शुरुआत के मात्र 09 माह में ही देश को दो स्वदेशी वैक्सीन मिले, नतीजतन आज पूरा देश, पूरा उत्तर प्रदेश सुरक्षित है. कोविड टीके को लेकर अखिलेश यादव द्वारा की गई राजनीति को निंदनीय बताते हुए मुख्यमंत्री ने इसे जनता के जीवन से खिलवाड़ करने वाला कृत्य करार दिया.

विधानसभा में मुख्यमंत्री ने कहा कि जब इनको मौका मिला तो कुछ न कर सके, लेकिन आज जब प्रदेश के हर जिले में मेडिकल कॉलेज खुल रहे हैं, गांवों में साप्ताहिक आरोग्य मेले लग रहे हैं, इंसेफेलाइटिस खत्म हो रहा है, तो नेता प्रतिपक्ष को खुश होना चाहिए. सहयोग भले न कर सकें लेकिन कम से कम गलत और भ्रामक बयान देकर प्रदेश की बेहतरी में अड़ंगा तो न लगाएं. अखिलेश यादव पूर्व में मुख्यमंत्री रहे हैं, आज मुख्य विपक्षी दल के नेता हैं, जनता को भ्रमित करना, गुमराह करना इन्हें शोभा नहीं देता.

सदन में बोलने से पहले नेता प्रतिपक्ष को आंकड़ों का सत्यापन कर लेना चाहिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने देश को $5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा है, उत्तर प्रदेश ने भी इस लक्ष्य को पूरा करने में सहयोग करते हुए खुद के लिए $1 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था का संकल्प लिया है.

सपा का धरना जारी

इसके दूसरी ओर महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, बहन- बेटियों की सुरक्षा, अस्पतालों में जनता को दवाई एवं जन मुद्दों को लेकर विधान भवन के अंदर विधायकों का धरना जारी है.

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