Navsatta
खास खबरचर्चा मेंराज्यशिक्षा

शिक्षक दिवस पर विशेष: चलों पढ़ाएं जागरुक बनाएं

संजय श्रीवास्तव

  • ए पी सेन कॉलेज की नयी पहल
  • अनपढ़ लोगों को शिक्षित करने की मुहिम
  • छात्राएं लगा रही हैं जीवन की पाठशाला
  • वक्त के साथ बदलता पौढ़ शिक्षा का स्वरूप
  • साक्षर के साथ जागरूक बनाना जरूरी
  • बदलती तकनीक के साथ कदमताल
  • पढ़ाने से ज्यादा सिखाने पर फोकस
  • मोबाइल बैंकिंग और इंटरनेट का ज्ञान कराना
  • रोजाना के व्यावहारिक पहलुओं की स्पेशल ट्रेनिंग

लखनऊ, नवसत्ता: जी हां इस शिक्षक दिवस पर पेश है एक ऐसी रिपोर्ट जो सरकारी प्रौढ़ शिक्षा अभियान को आईना दिखाती है. लखनऊ के ए पी सेन कॉलेज की शिक्षिकाएं और छात्राएं पढ़ाई लिखाई से वंचित लोगों के लिए जो प्रयास कर रही हैं वो न सिर्फ प्रशंसनीय है बल्कि प्रेरणादायी है उन तमाम लोगों के लिए जो सरकारी और गैर सरकारी माध्यमों के जरिए प्रौढ़ शिक्षा का कार्यक्रम चला रहे हैं.

शहर के चारबाग इलाके में पुरानी इमारतों में चल रहा ए पी सेन कॉलेज लड़कियों की शिक्षा का बड़ा केंद्र है. यहां पढऩे और पढ़ाने वाले शिक्षण के साथ साथ व्यक्तित्व को निखारने के भी कई तरह के प्रोग्राम चलाए जाते हैं. कॉलेज की प्रचार्या रचना श्रीवास्तव के मार्गदर्शन में यहां कौशल विकास, फैशन डिजाइनिंग, सेल्फ डिफेंस, कंप्यूटर कोर्सेज, योगा ट्रेनिंग एनसीसी एनएसएस इत्यादि कार्यक्रमों में यहां की छात्राएं बढ़चढ़ कर हिस्सेदारी करती हैं. इसी क्रम में ही यहां की छात्राओं को अपने अपने घर परिवार और आस पड़ोस में लोगों को साक्षर और जागरूक बनाने की भी मुहिम चलाई जा रही है. कॉलेज में इस मुहिम की प्रभारी डॉक्टर ऋचा मुक्ता बताती हैं कि शुरू में तो इसे लेकर छात्राओं को काफी दिक्कतें आईं जैसे लोग उनसे पढऩे को तैयार नहीं होते थे, घर में ही बड़े लोग अपनी ही बच्चियों से कुछ सीखने को तैयार होना तो दूर उन पर ताने भी कसते थे कि पढ़ीं नाहीं कि अब सबका पढ़ावै चली अहैं. लेकिन हमने हिम्मत नहीं हारी और छात्राओं के साथ प्लान बनाकर लोगों को पढ़ाने से ज्यादा उन्हें रोज इस्तेमाल में आने वाली दिक्कतों से निपटने वाली चीजों को सिखाने पर फोकस किया, जैसे लोगों को मोबाइल चलाने इंटरनेट सिखाने वाट्सऐप देखने, मेल देखने और भेजने बैंकिंग करने, जैसे खुद बैंक में अपना पैसा निकालने के काबिल बनना हस्ताक्षर करना सीखने मोबाइल और मेल पर जालसाजी से बचने बड़ी बूढ़ी और युवा लड़कियों को स्वास्थ्य और खानपान से संबंधित जरूरी जानकारियां देना और उसके उपयोग के बारे में सजग करना दैनिक उपयोग में ली जाने वाली चीजों दवाएं राशन ग्रोसरी आइटम की एक्सपायरी डेट चेक करना सड़क पर कैसे चलें और दूसरों से कैसे सतर्क रहें, रोजाना के जीवन में सुबह से शाम तक स्वच्छता के तौर तरीकों को अपनाने जैसे तमाम मूलभूत व्यावहारिक पहलुओं पर फोकस करते हुए लोगों को सिखाया और बताया जाता है. पढ़ाने के साथ ही जरूरत के मुताबिक लिखना भी सिखाया जाता है.

कॉलेज की वरिष्ठ शिक्षिका डॉक्टर श्वेता तिवारी बताती हैं कि इस तरह के कार्यक्रम में छात्राएं आस पड़ोस में कॉलेज की शिक्षिकाओं के साथ एक दिनी कैंप भी लगाती हैं, इसमें सब साथ मिलकर मलिन बस्तियों में जाती हैं और वहां अशिक्षत और अज्ञान लोगों को पढ़ाई लिखाई के महत्व के साथ ही बदलते जमाने के साथ साथ जीने को आसान बनाने के लिए उन्हें हर उस पहलू से अवगत कराया जाता है और फिर कई बार ऐसे लोगों को संपर्क करके उन्हें उनकी जरूरत के हिसाब से सब कुछ सिखाया और पढ़ाया जाता है. इस तरह के इस विशेष प्रोग्राम में कॉलेज की लगभग 100 छात्राएं हिस्सेदारी निभा रही हैं जिसमें मंदाकिनी शालिनी मधु पूजा और कीर्ति इस तरह के सभी कार्यक्रमों को अन्य छात्राओं के साथ रोजाना चला रही हैं.

संबंधित पोस्ट

युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वालों से सख्ती से निपट रही सरकार: सीएम योगी

navsatta

सुप्रीम कोर्ट का फैसला, सीबीआई उचित मामलों पर पीई के लिए स्वतंत्र

navsatta

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष बना भारत, पाकिस्तान परेशान

navsatta

Leave a Comment