लखनऊ,नवसत्ता: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अपने मंत्रियों और विधायकों के खिलाफ दर्ज मुकदमों को वापस लेगी. बताया जा रहा है कि राजनीतिक विद्वेष से दर्ज केस वापस लेने की प्रक्रिया जल्द ही शुरू कर दी जाएगी. इसमें करीब आधा दर्जन मंत्री तो कई विधायक भी शामिल हैं.
गौरतलब है कि 2017 में सरकार बनते ही उत्तर प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ चल रहे निषेधाज्ञा उल्लंघन के एक मामले को वापस ले लिया था.
सूत्रों के मुताबिक इसे लेकर अभी स्क्रीनिंग का काम जारी है. स्क्रीनिंग की प्रक्रिया पूरी होते ही यूपी सरकार अपने मंत्रियों और विधायकों के खिलाफ दर्ज सभी मुकदमों को वापस ले लेगी. हालांकि, इसे लेकर अब तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.
वहीं इसको लेकर विपक्ष ने यूपी सरकार की आलोचना भी शुरु कर दी है.
मालूम हो कि समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने कहा कि बीजेपी अपने अपराधी प्रवृत्ति वाले मंत्री और विधायकों को बचाने में जुटी है. उन्होंने कहा कि योगी सरकार नोएडा के श्रीकांत त्यागी का भी बचाव करने में जुटी है.
उधर, कांग्रेस प्रवक्ता अंशु अवस्थी ने भी कहा कि यह संविधान के खिलाफ है. सरकार कैसे मुकदमे वापस ले सकती है. यह न्यायपालिका का मामला है. कोई अपराधी है या नहीं, फैसला न्यायपालिका करेगी.