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UP News: हाईकोर्ट के करीब 900 सरकारी वकील बर्खास्त, नए अधिवक्ताओं की नियुक्ति

प्रयागराज,नवसत्ता: उत्तर प्रदेश के कानून विभाग में बंपर बर्खास्तगी हुई है. सूबे की योगी सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट से लेकर लखनऊ खण्ड तक करीब 900 सरकारी वकीलों की बर्खास्तगी की है. जिसमें अपर महाधिवक्ता से लेकर ब्रीफ होल्डर तक शामिल हैं. इसके अलावा इलाहाबाद हाईकोर्ट में 366 और लखनऊ खंडपीठ में 220 नए अधिवक्ताओं की नियुक्ति भी की गयी है.

दरअसल, प्रत्येक पांच साल पर सरकारी वकीलों को लेकर आदेश जारी होते हैं. कुछ सरकारी वकील हटाए जाते हैं, जिसके बाद नए लोगों को मौका मिलता है.

बताते चलें कि जिन 900 सरकारी वकीलों को हटाया गया है उनमें 505 वकील इलाहाबाद में और 336 वकील लखनऊ बेंच के हैं. सरकार की इस कार्रवाई के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट से लेकर लखनऊ बेंच तक हाहाकार मचा हुआ है.

वहीं 900 सरकारी वकीलों को हटाने के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट के लिए सरकार का पक्ष रखने के लिए 366 नए वकीलों को नियुक्त किया है. इसके साथ हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में सरकार का कार्य देखने के लिए 220 अधिवक्ताओं की तैनाती की गई है.

high court
जानें कैसे नियुक्त किये जाते हैं सरकारी वकील ?

केंद्र सरकार और राज्य सरकार में से कोई भी सरकार वकीलों की नियुक्ति कर सकती है. हालांकि, नियुक्ति कौन सरकार करेगी वो इस बात पर निर्भर होगी कि आप किस कोर्ट में वकालत करना चाहते हैं. हाई कोर्ट में सरकारी वकीलों की नियुक्ति, उस राज्य की सरकार और केंद्र सरकार द्वारा, उच्च न्यायालय से विचार और परामर्श करने के बाद किया जाता है.

इसके अलावा डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में वकीलों की नियुक्ति राज्य सरकार द्वारा की जाती है. सरकार की इच्छानुसार ही सरकारी वकील के पद पर रह सकता है. सरकार बदलने पर नई सरकार उन्हें पद से हटा भी सकती है.

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