नई दिल्ली,नवसत्ता: सुप्रीम कोर्ट ने ईडी के खिलाफ सभी याचिकाएं खारिज करते हुए एक बड़ा फैसला दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत गिरफ्तारी के ईडी के अधिकार को बरकरार रखा है. कोर्ट ने कहा, ईडी की गिरफ्तारी की प्रक्रिया मनमानी नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को विपक्ष का बड़ा झटका माना जा रहा है. दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के कई प्रावधानों की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली कुल 242 याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए ये फैसला सुनाया. जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस सीटी रविकुमार और जस्टिस दिनेश माहेश्वरी की पीठ ने यह फैसला सुनाया.
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ईडी का समन भेजना और गिरफ्तार करना सही है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 2018 में किए गए संशोधन सही हैं. इसके साथ ही, पीएमएलए कानून के खिलाफ दायर याचिका को भी सर्वोच्च अदालत की ओर से रद्द कर दिया गया है.
कोर्ट ने माना कि आय, तलाशी और जब्ती, गिरफ्तारी की शक्ति, संपत्तियों की कुर्की और जुड़वां जमानत शर्तों की विस्तृत परिभाषा के संबंध में पीएमएलए के कड़े प्रावधान सही हैं. कोर्ट ने कहा कि सभी मामलों में ईसीआईआर की कॉपी देना ज़रूरी नहीं है. सुप्रीम कोर्ट का मानना है कि गिरफ्तारी के आधार के बारे में एक आरोपी को सूचित करना पर्याप्त है. ट्रायल कोर्ट इस पहलू पर और फैसला दे सकता है.
इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने कानून में फाइनेंस बिल के जरिए किए गए बदलाव के मामले को 7 जजों की बेंच में भेज दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जांच के दौरान ईडी, एसएफआईओ, डीआरआई अधिकारियों के सामने दर्ज बयान भी वैध सबूत हैं.