नई दिल्ली,नवसत्ता: देश के संसद भवन परिसर में अब से किसी भी तरह के धरना प्रदर्शन, भूख हड़ताल समेत सभी तरह के प्रदर्शनों को लेकर पाबंदी लगा दी गई है. सचिवालय की ओर से जारी आदेश के मुताबिक संसद भवन के परिसर में किसी भी प्रदर्शन, धरना, हड़ताल, उपवास, या किसी तरह का धार्मिक समारोह नहीं कर सकते हैं.
आपको बता दें कि 18 जुलाई से संसद का मानसून सत्र शुरू हो रहा है और उससे ठीक पहले आए इस आदेश का जोरदार विरोध शुरू हो चुका है. गुरुवार को ही लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी किए गए बुकलेट में कुछ शब्दों को असंसदीय करार दिया गया था. उस पर भी खासा हंगामा हुआ था. विपक्ष के कई नेताओं ने कहा था कि इन शब्दों का इस्तेमाल जरूर करेंगे. विपक्ष के पास महंगाई, बेरोजगारी, अग्निपथ योजना जैसे ऐसे कई मुद्दे हैं, जिसपर सरकार के साथ तकरार देखने को मिल सकती है.
वहीं कांग्रेस के राज्यसभा सांसद जयराम रमेश ने ट्वीट किया. उन्होंने राज्यसभा महासचिव के आदेश की कॉपी को शेयर करते हुए लिखा, ‘विश्वगुरु का नया काम- D(h)arna मना है.
इससे पहले असंसदीय शब्दों के संकलन या शब्दकोष को लेकर उठे विवाद के बीच लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने साफ किया है कि कोई भी शब्द प्रतिबंधित नहीं है. यानी सूची में दिए गए शब्द भी सदस्य बोल सकते हैं, लेकिन इनका इस्तेमाल गलत संदर्भो में नहीं किया जाना चाहिए. अगर संदर्भ गलत होगा तभी उसे संसदीय कार्यवाही से हटाया जाएगा. वैसे यह अपेक्षित है कि सदस्य संसद की मर्यादा का पालन करें और आमजन में संसद की छवि ठीक करें.