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गोंडा के 1819 स्कूलों में नहीं पहुंचा ब्लूटूथ इनबिल्ट स्पीकर खरीदने का पैसा

समय से स्कूलों को पैसा नहीं मिला, इसके लिए जिम्मेदार कौन?

  • आखिर क्यों अमल में नहीं आ पाती ‘सर्व शिक्षा अभियान’ की योजनाएं
  • ‘स्कूल चलो अभियान’ ही नारा हालात सुधारने की कवायद नहीं
  • ब्लूटूथ इनबिल्ट स्पीकरों की खरीद का पैसा ही नहीं मिला
  • गोंडा में 1819 स्कूलों में नहीं पहुंचा इस मद का पैसा
  • सरकार ने 8 फरवरी 2022 को किया आवंटित
  • 31 मार्च तक गोंडा के 277 स्कूलों के खातों में ही पहुंचा पैसा

संजय श्रीवास्तव
लखनऊ,नवसत्ता: सरकार तो बेहतर शिक्षा की होर्डिंग लगाकर ही ये मान लेती है कि प्रदेश में स्कूलों की हालत बिलकुल फन्ने खां हो चुकी है, लेकिन हकीकत तो नवसत्ता की पड़ताल में सामने आ रही है. बद से बदतर हालत में चल रही प्राइमरी स्कूलों की दशा दर्शाने वाली खबरों में आज हम बात करेंगे गोंडा के बीएसए की लापरवाही की, जिसकी वजह से पूरे जनपद के 1819 प्राथमिक विद्यालयों में ब्लूटूथ इनबिल्ट स्पीकरों की खरीदारी समय से नहीं हो सकी और सरकार द्वारा जारी किया गया पैसा 31 मार्च को लैप्स हो गया. जबकि सरकार की तरफ बीती 08 फरवरी 2022 को ही जिले के सभी 2191 स्कूलों के लिए 2000 रूपए प्रति स्कूल के हिसाब से 43 लाख 82 हजार रूपए इस मद के लिए आवंटित किए गए थे.

बीएसए द्वारा सिर्फ 277 विद्यालयों को ही ये पैसा स्थानांतरित किया जा सका. शेष 1819 विद्यालयों में इस मद का पैसा नहीं पहुंच सका. विभाग के लेखाधिकारी अब इसे लेकर तकनीकी खराबी और बैंक खाते के दूसरे बैंक में स्थानांतरण की वजह बताते हैं.

चलिए….. हम आपको बताते हैं कि आखिर ये ब्लूटूथ इनबिल्ट स्पीकर की खरीद का मामला क्या है

दरअसल सरकार ने बच्चों के बेहतर शिक्षण कार्य और उसकी गुणवत्ता बढ़ाने के लिए सभी स्कूलों में 1000 रुपये की दर से दो ऐसे स्पीकर खरीदने की स्वीकृति प्रदान की और 2000 रूपए प्रति स्कूल के हिसाब से प्रदेश के सभी जिलों में ये पैसा आवंटित किया गया. जो 08 फरवरी के राज्य परियोजना निदेशालय द्वारा जारी शासनादेश के माध्यम से सभी बीएसए कार्यालयों को भेज दिया गया। अब अपने अपने जिले में प्राप्त धनराशि को सभी विद्यालयों के खातों में ट्रांसफर कराने की जिम्मेदारी बीएसए और लेखाधिकारी की थी.

सहायक लेखाधिकारी ने बताया कि पैसा 8 फरवरी 2022 को बेसिक शिक्षा विभाग के खाते में आ जरूर गया था पर खाता इंडियन बैंक से बैंक ऑफ बड़ौदा में स्थानांतरित होने की वजह से पैसा भी एक बैंक से दूसरे बैंक में ट्रांसफर होने में समय लगा और कुछ तकनी की कमियों की वजह से भी 31 मार्च तक अथक प्रयास करने के बावजूद भी सभी स्कूलों को पैसा स्थानांतरित नहीं हो सका. मात्र 277 स्कूलों को ही इस मद का पैसा ट्रांसफर किया जा सका. ये सच है पर राज्य परियोजना निदेशालय से स्वीकृति मिलते ही शीघ्र सभी शेष 1819 स्कूलों के खाते में ब्लूटूथ इनबिल्ड स्पीकर की खरीद का पैसा जमा करा दिया जाएगा.

उधर गोंडा के बीएसए अखिलेश प्रताप सिंह ने फोन पर बताया कि पहले यहां स्थानांतरित दीपिका चतुर्वेदी ने ज्वाइन नहीं किया था और मार्च के आखिरी दिनों में दीपिका ने शामली तो उन्होंने यहां गोंडा में बतौर बीएसए ज्वाइन किया था, लिहाजा इस मद में आए पैसे समय से स्कूलों के खाते में जमा क्यों नहीं हो पाए, उसके बारे में उन्हें जानकारी नहीं है.

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