पांच साल से बेकार पड़ी मदर चाइल्ड केयर यूनिट
जिला महिला अस्पताल सुल्तानपुर
राजकुमार सिंह
सुल्तानपुर,नवसत्ता: करोड़ों रूपये पानी की तरह बहाकर अस्पताल के लिये आलीशान भवन तो बना दिये गए. लेकिन डॉक्टर व अन्य जरूरी स्टॉफ ही प्रदेश सरकार नहीं मुहैया करा पायी. इससे तमाम जिलों में बने अस्पताल भवन बेकार पड़े हैं. आलम यह है कि बेड न होने से तमाम मरीजों को मजबूरी में निजी अस्पतालों की शरण में जाना पड़ रहा है. निजी प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टर मालामाल हो रहे हैं. गरीब किसानों को इलाज के लिये अपनी जमीन तक गिरवी रखनी पड़ रही है.
सोमवार को नवसत्ता की टीम जिला महिला अस्पताल पहुंची तो 92 बेड के चार वार्ड लगभग भरे हुए थे. उसके सामने बने 100 बेड के मदर चाइल्ड केयर यूनिट में कोई भी मरीज भर्ती नहीं था.
इस भवन के निचले तल में महिलाओं की लम्बी कतार लगी हुई थी. जहां धक्का मुक्की हो रही थी. अपने मासूम बच्चों को गोद चिपकाये औरतों व गर्भवती महिलाओं की भीड़ थी. जब इन महिलाओं से पूछा गया कि यहां तो मरीज भर्ती होते हैं, फिर इतनी भीड़ क्यों लगी है? लाइन में लगी धनपतगंज से आयी इंद्रावती ने कहा कि यहां तो सिर्फ टीका लगता है. मरीज तो सामने वाले भवन में भर्ती होते हैं. वहां जाइये.
इस भवन में ओपीडी भी चल रही थी. तीन महिला डॉक्टर मरीजों को देख रही थी.
दरअसल 100 बेड का यह अस्पताल 2018 में ही बनकर तैयार हो गया था. लेकिन डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ न होने से मरीजों को इसमें भर्ती नहीं किया जा रहा है. एक कर्मचारी ने बताया कि कोरोना काल में मरीजों की तादाद काफी बढ़ गयी थी. उस दौरान लगभग तीन महीने तक इस एमसीएच यूनिट में मरीजों को भर्ती किया गया था. उसके बाद फिर बन्द कर दिया गया. अब केवल सभी तरह के टीके ही इस भवन में लगाये जा रहे हैं. यहां कोविड का सुपरडोज भी लगाया जा रहा है.
ओपीडी चलने के साथ हो रहा टीकाकरण
जिला महिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर वीके सोनकर ने बताया- मदर चाइल्ड केयर यूनिट का निर्माण 2018 में ही पूरा हो गया था. निर्माण एजेंसी ने 100 बेड वाले इस भवन को स्वास्थ्य विभाग को हैंडओवर भी कर दिया है.
लेकिन डॉक्टर व स्टॉफ नहीं है. इसलिये मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा है. इस यूनिट में बने ऑपरेशन थियेटर का उपयोग किया जा रहा है. इसमें रोज ही ऑपरेशन हो रहे हैं. ओपीडी भी चल रही है, टीकाकरण भी हो रहा है.