नई दिल्ली, नवसत्ता: दिल्ली की तीनों नगर निगमों को एकीकृत करने के लिए दिल्ली नगर निगम अधिनियम को राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द की मंजूरी के बाद अब केंद्रीय कानून और न्याय मंत्रालय की ओर से अधिसूचित कर दिया गया है. कानून मंत्रालय की सेक्रेटरी डॉ. रीता वशिष्ठ की ओर से इस संबंध गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है. 18 अप्रैल को जारी इस गजट नोटिफिकेशन के बाद अब तीनों दिल्ली नगर निगमों नार्थ, साउथ और ईस्ट को दिल्ली नगर निगम के रूप में जाना जाएगा.
राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद अब नए विधेयक के मुताबिक दिल्ली में तीन महापौर और तीन निगमायुक्त की व्यवस्था भी समाप्त हो जाएगी और अब दिल्ली में सिर्फ एक ही महापौर और निगमायुक्त होंगे. वार्डों की संख्या को भी 272 की जगह 250 किया जाएगा.
इस बीच देखा जाए तो दिल्ली की एकीकृत निगमों को कांग्रेस की शीला दीक्षित सरकार की ओर से लिए गए एक फैसले के बाद वर्ष 2011 में विभाजित किया था. एमसीडी वार्डों की संख्या को 136 से 272 किया गया था. उस समय केंद्र में यूपीए की सरकार थी. लेकिन अब भाजपा शासित एनडीए सरकार की ओर से तीन निगमों को एकीकृत करने का फैसला किया गया है. इसको संसद से पारित कराने के बाद राष्ट्रपति से मंजूरी मिल गई है. एकीकृत निगम बनाने के लिए अब कवायद शुरू हो जाएगी जिसके लिए एडिमिनिस्ट्रेटर के रूप में विशेष कार्याधिकारी की नियुक्ति की जाएगी और निगम वार्डों का परीसीमन का काम किया जाएगा.